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फेसबुक यूजर्स रहें सावधान, हैकर्स बना सकते हैं निशाना

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Published : Jul 17, 2020, 6:54 AM IST

फेसबुक यूजर्स हैकर्स से सावधान हो जाएं. यह हैकर्स पहले फेसबुक पर अपने किसी दोस्त या रिश्तेदार के अकाउंट हैक करते हैं और फिर वे उस अकाउंट से मिलता-जुलता एक फर्जी अकाउंट बनाता है. अब हैकर्स को हैक किए गए अकाउंट्स से सारे कॉन्टैक्ट्स मिल जाते हैं फिर वो फर्जी अकाउंट्स से इन कॉन्टैक्ट्स को मैसेज भेजता है उनसे पैसे की मांग करता है.

फेसबुक हैकर्स से रहें सावधान
फेसबुक हैकर्स से रहें सावधान

बेंगलुरु: सिलिकॉन सिटी में साइबर क्राइम बढ़ रहे हैं. हैकर्स पैसे को छीनने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. अब ऑनलाइन हैकर्स फेसबुक का इस्तेमाल कर फर्जी अकाउंट बना रहे हैं, फ्रेंड्स रिक्वेस्ट भेज रहे हैं और पैसे मांग रहे हैं.

हैकर्स पहले फेसबुक पर अपने किसी दोस्त या रिश्तेदार का अकाउंट हैक करते हैं और फिर वो उस अकाउंट से मिलता-जुलता एक फर्जी अकाउंट बनाता है. अब हैकर्स को हैक किए गए अकाउंट्स से सारे कॉन्टैक्ट्स मिल जाते हैं और फिर वे फर्जी अकाउंट्स से इन कॉन्टैक्ट्स को मैसेज भेजता है, उनसे पैसे की मांग करता है. अगर किसी कॉन्टैक्ट्स से उसके खाते से पैसे चले जाते हैं तो समझिए वो हैकर्स का शिकार हो चुका है. उसका पैसा ऑनलाइन दोस्त को नहीं बल्कि हैकर्स को चला गया है.

साइबर पुलिस ने बताया कि बेंगलुरु में फेसबुक पर फ्रॉड को लेकर कई मामले दर्ज किए गए. हैकर्स हैक किए गए खाते को कॉपी पेस्ट कर और दोस्तों या रिश्तेदारों को संदेश भेजकर कहते हैं कि मुझे तुरंत पैसे चाहिए, मेरे पिता अस्पताल में भर्ती हैं. अब मैं आपके साथ बात नहीं कर सकता, मैं आपको बाद में फोन करूंगा, कृपया मुझे तत्काल राशि भेजें.

कुंदनहल्ली के रहने वाले अमरथ हैकर्स के शिकार हो गए. अमरथ को फेसबुक पर अपने दोस्त के नाम से एक संदेश मिला जो अमेरिका में रहता था. हैकर्स ने उन्हें एक संदेश भेजा कि मैं मुसीबत में हूं, कृपया मुझे 3 लाख रुपये की राशि भेजें. अमरथ ने उस पर विश्वास किया और तुरंत उसे 1 लाख रुपये की राशि भेजी. बाद में जब अमरथ ने अपने दोस्त को फोन किया तो उसने महसूस किया कि उसे किसी ने धोखा दिया है.

एक अन्य घटना अशोक सिंह के साथ घटी. उन्हें अपने चाचा के फेसबुक अकाउंट से मैसेज मिला कि मैं अच्छा महसूस नहीं कर रहा हूं, मैं अस्पताल में भर्ती हूं. मुझे पैसे भेजें. मैं आपको बाद में फोन करूंगा. अशोक ने बात मान लिया और राशि भेज दी. बाद में उसने अपने चाचा से बातचीत को तो अशोक को पता चला कि यह एक फेक अकाउंट था.

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