हैदराबाद : स्रेब्रेनिका हत्याकांड को 25 साल हो चुके हैं. 11 से 16 जुलाई, 1995 के बीच हुए बर्बर नरसंहार में 8,000 से अधिक बोस्निक मुस्लिम पुरुषों और लड़कों की हत्या कर दी गई थी. जब भी स्रेब्रेनिका हत्याकांड जैसी घटना होती है तो, कहा जाता है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी, लेकिन इतिहास कई बार रक्तपात की ऐसी घटनाओं का साक्षी बना है. स्रेब्रेनिका हत्याकांड रवांडा में दो समुदायों हुतु और तुत्सी के बीच हुए जातीय संघर्ष के ठीक एक साल के बाद हुआ. अप्रैल से जुलाई 1994 के बीच हुए रवांडा नरसंहार में आठ लाख लोग मारे गए थे.
कोरोना वायरस महामारी के कारण स्रेब्रेनिका नरसंहार की 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम भी प्रभावित हुए हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि नरसंहार के बाद जीवित बचे लोगों में कुछ को ही इन कार्यक्रमों में भाग लेने की अनुमति दी गई है. इन कार्यक्रमों में उन मृतकों को याद किया जा रहा है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स सहित दर्जनों वैश्विक नेता रिकॉर्ड किए गए वीडियो संदेशों के माध्यम से कार्यक्रमों को संबोधित कर रहे हैं.