मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने सिटी कोऑपरेटिव बैंक में कथित तौर पर ₹980 करोड़ की धोखाधड़ी के संबंध में शिवसेना नेता और पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल को दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा देने से इनकार कर दिया है. अडसुल ने इस हफ्ते उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर इस मामले और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी सम्मन को चुनौती दी थी. निदेशालय ने अडसुल को पूछताछ के लिए पेश होने के वास्ते सम्मन जारी किए हैं.
न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जमादार की खंडपीठ के समक्ष अडसुल के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थन वाले राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के कहने पर कार्रवाई शुरू की है.
पूर्व सांसद ने अपनी याचिका में कहा, अडसुल के खिलाफ शुरू की गई निदेशालय की कार्रवाई प्रवर्तन एजेंसियों के जरिए चलाए जा रहे राजनीतिक प्रतिशोध का नतीजा है. चंद्रचूड़ ने अदालत को बताया कि अमरावती की लोकसभा सांसद नवनीत कौर के पति रवि राणा की शिकायत पर निदेशालय ने कार्रवाई शुरू की. उन्होंने बताया कि अडसुल ने कौर के जाति प्रमाणपत्र के खिलाफ याचिका दायर की थी और अदालत ने इस साल की शुरुआत में उनका जाति प्रमाणपत्र रद्द कर दिया था. उन्होंने दलील दी कि राणा ने प्रतिशोध की भावना से शिकायत की थी.