हैदराबादःरामपुर और आजमगढ़ में लोकसभा उपचुनाव 23 जून को है. एक ओर ओर रामपुर में जेल से हाल में ही छूटे सपा के दिग्गज नेता आजम खान की प्रतिष्ठा दांव पर है तो वहीं आजमगढ़ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव विरोधियों के चक्रव्यूह में इस बार घिरते नजर आ रहे हैं. इन दोनों ही सीटों का सियासी भविष्य कल सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होने वाली वोटिंग में तय हो जाएगा.
अपनों से लड़ने के लिए आजम को मैदान में आना पड़ा
कभी रामपुर से एकतरफा जीत दर्ज करने वाले आजम खान इस बार अपने ही करीबी की चुनौती में फंसे नजर आ रहे हैं. दरअसल, भाजपा ने घनश्याम लोधी को टिकट दिया है. यह वही घनश्याम लोधी हैं जो कभी आजम खान के साथ चुनाव लड़े थे. वह आजम की हर चाल से वाकिफ हैं. ऐसे में आजम खान ने खुद न चुनाव लड़ते हुए अपने विश्वस्त आसिम रजा का मैदान में उतारा है. इसके पीछे कहीं न कहीं आजम खान का डर नजर आ रहा है. घनश्याम लोधी से निपटने के लिए आजम खान को खुद मैदान पर उतरना पड़ा है. कई जनसभाओं में वह जेल के दिनों के दर्द को य़ाद कर जनता से भावुक अपील करते भी नजर आए. अब इसका जनता पर क्या असर पड़ेगा यह तो कल का दिन तय करेगा. फिलहाल इस सीट पर भाजपा और सपा की टक्कर कांटे की है. 2022 के विधानसभा चुनाव में आजम खान ने दसवी बार जीत दर्ज कर रिकार्ड बनाा था. इसी के बाद उन्होंने लोकसभा सीट से इस्तीफा देकर अपने खास आसिम रजा को लोकसभा उपचुनाव में मैदान में उतार दिया. आजिस रजा सपा के जिलाध्यक्ष हैं और आजम खान के बेहद करीबी हैं. उन्होंने आजम खान को कई चुनाव लड़ाए हैं.