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AUKUS का 'क्वाड' के कामकाज पर नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव : श्रृंगला

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Published : Sep 21, 2021, 8:19 PM IST

भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला

24 सितंबर को होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन से पहले, भारत के विदेश सचिव हर्ष वी श्रृंगला ने मंगलवार को एक विशेष मीडिया ब्रीफिंग के दौरान स्पष्ट किया कि QUAD और AUKUS समान प्रकृति के समूह नहीं हैं. पढ़ें पूरी खबर...

नई दिल्ली : 24 सितंबर को होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन से पहले, भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मंगलवार को एक विशेष मीडिया ब्रीफिंग के दौरान स्पष्ट किया कि 'क्वाड' और AUKUS समान प्रकृति के समूह नहीं हैं.

नए रक्षा समझौते AUKUS के कामकाज पर मीडिया के एक सवाल के जवाब में, विदेश सचिव हर्ष वी श्रृंगला ने कहा, QUAD और AUKUS समान प्रकृति के समूह नहीं हैं. QUAD को इंडो-पैसिफिक की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. AUKUS तीन देशों के बीच एक सुरक्षा गठबंधन है. AUKUS QUAD के लिए प्रासंगिक नहीं है और इसका QUAD के कामकाज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

यह बयान यूके, ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा एक नए सुरक्षा समझौते AUKUS पर हस्ताक्षर करने के कुछ दिनों बाद आया है, जो ऑस्ट्रेलिया को संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा प्रदान की गई तकनीक का उपयोग करके पहली बार परमाणु-संचालित पनडुब्बियों का निर्माण करने में सक्षम करेगा.

समझौते को व्यापक रूप से दक्षिण चीन सागर में चीन के प्रभाव का मुकाबला करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. इसकी घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन ने की थी. इस बीच, कई विश्लेषकों का तर्क है कि AUKUS Pact 'क्वाड' के महत्व को कम कर देगी.

बाद में, हर्ष श्रृंगला ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने स्पष्ट किया है कि वे परमाणु चालित पनडुब्बी पर काम कर रहे हैं, लेकिन उसके पास कोई परमाणु हथियार नहीं होगा.

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बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार सुबह अमेरिका के लिए रवाना होंगे और 26 सितंबर को भारत लौटेंगे. विदेश मंत्रालय के अनुसार, उनके साथ EAM, NSA सहित एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल होगा. कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएं अमेरिकी राष्ट्रपति, क्वाड लीडर्स मीट और UNGA के साथ पहली व्यक्तिगत बैठक होगी.

मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन के बीच द्विपक्षीय बैठक में अफगानिस्तान के घटनाक्रम के बाद मौजूदा क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति को भी दिखाया जाएगा. दोनों नेता कट्टरपंथ, उग्रवाद, सीमा पार आतंकवाद और वैश्विक आतंकी नेटवर्क को खत्म करने की आवश्यकता पर चर्चा करेंगे.

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