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50 वर्ष पुराने वाल्मीकि मंदिर को तोड़ने का आदेश, लोगों ने जताया विरोध, की नारेबाजी

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Published : Sep 10, 2021, 3:06 PM IST

दिल्ली के मालवीय नगर के खिड़की गांव में 50 साल पुराना वाल्मीकि मंदिर को कोर्ट ने तोड़ने का आदेश दिया है. जिसके बाद पूरा वाल्मीकि समाज के लोग आक्रोशित हैं. दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के पूर्व अध्यक्ष मानसिंह ने कहा कि हम इस लड़ाई को आगे तक लेकर जाएंगे.

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नई दिल्ली : मालवीय नगर क्षेत्र के खिड़की एक्सटेंशन में स्थित वाल्मीकि समाज के मंदिर को कोर्ट की तरफ से डेमोलेशन का आदेश दे दिया गया है. इसकी जानकारी मिलते ही करीब सैकड़ों की तादाद में वाल्मीकि समाज के लोग मंदिर परिसर में इकट्ठे हो गये और जमकर हंगामा किया.

उनका आरोप है कि किसी एक व्यक्ति ने एमसीडी को शिकायत दी थी कि ये मंदिर अवैध बना हुआ है, उसी शिकायत पर एमसीडी ने कोर्ट में गलत जानकारी दी. जिसके बाद कोर्ट की तरफ से इस मंदिर को तोड़ने का आदेश दिया गया है.

दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के पूर्व अध्यक्ष मानसिंह ने बताया कि यह मंदिर यहां पर पिछले 50 साल से ज्यादा समय से इस जगह पर बना हुआ है. भगवान वाल्मीकि का मंदिर है. छतरपुर के अलावा दिल्ली में कई ऐसे मंदिर हैं, जो अवैध तरीके से बने हुये हैं.

लेकिन उनको नहीं तोड़ा जा रहा है सिर्फ हमारे ही मंदिर को निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर मान भी लेते हैं कि मंदिर अवैध तरीके से बना है तो और भी मंदिर अवैध बने हुए हैं उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है. जब तक जवाब नहीं मिलेगा, हम यहीं डटे रहेंगे और जो हमसे टकराएगा उसका हम मुंहतोड़ जवाब देंगे.

सैकड़ों की तादाद में बाल्मीकि समाज के लोग मंदिर परिसर में इकट्ठा हुए, जिनमें ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं. लोगों ने नारेबाजी की और कहा कि वाल्मीकि समाज के साथ भेदभाव किया जा रहा है. हमारे भगवान महर्षि वाल्मीकि का मंदिर तोड़ने के लिए कोर्ट के आदेश के बाद यहां पर कुछ लोग आए थे.

महर्षि वाल्मीकि मंदिर को तोड़ने का आदेश के बाद लोग नाराज.

लेकिन हमें देखकर वह लोग यहां से चले गए. जब हमारा मंदिर अवैध बना हुआ है तो कई मंदिर दिल्ली में अवैध बने हुए हैं. फिर उन पर कार्रवाई क्यों नहीं किया जा रहा, सिर्फ एक समाज के लोगों को ही निशाना क्यों बनाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि हमारी यही मांग है कि इस पर संज्ञान लिया जाए. हम मंदिर अपना नहीं तोड़ने देंगे चाहे कोई भी प्रशासन या कोई भी आदेश हो. जब तक बाकी अवैध मंदिर नहीं तोड़े जाते, तब तक यह मंदिर भी नहीं तोड़ा जाएगा.

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वाल्मीकि समाज के लोगों का कहना है कि एक जाति विशेष के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. हम यह नहीं सहन करेंगे और हम यह लड़ाई हाईकोर्ट तक लड़ेंगे.

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