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मध्य प्रदेश में सीधी भर्ती में 73 प्रतिशत आरक्षण

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Published : Feb 1, 2022, 5:23 AM IST

मध्य प्रदेश में प्रदेश और जिला स्तरीय सीधी भर्ती में अब 73 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. ओबीसी को भी सीधी भर्ती में 27 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाएगा. वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने सरकार के इस फैसले पर तंज कसते हुए कहा है कि पिछड़ा वर्ग विरोधी भाजपा को आखिरकार पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लागू करना पड़ा है.

obc reservation
मध्य प्रदेश ओबीसी आरक्षण

भोपाल :मध्य प्रदेश में राज्य और जिला स्तरीय सीधी भर्ती में 73 फीसदी आरक्षण (new reservation system started in mp) का प्रावधान किया गया है. राज्य सरकार ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं. सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के मुताबिक, अब प्रदेश में आरक्षण का नया सिस्टम लागू हो गया है. प्रदेश में होने वाली सीधी भर्तियों में अब 73 फीसदी आरक्षण रहेगा. ओबीसी को भी सीधी भर्ती में 27 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाएगा.

प्रदेश स्तर पर 4 जनवरी 2020 से और जिला स्तर पर 31 दिसंबर 2020 से जारी रोस्टर के मुताबिक, अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 20 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (इडब्ल्यूएस) को 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है. जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 8 मार्च 2019 से प्रभावशील है. राज्य सरकार ने सीधी भर्ती से भरे जाने वाले प्रदेश स्तरीय और जिला स्तरीय पदो के लिए 100 बिंदु का नया आरक्षण रोस्टर का निर्धारण किया है.

100 फीसदी रोस्टर का यह है मतलब
राज्य सरकार ने निर्देश जारी किए हैं कि नए रोस्टर में अन्य पिछड़ा वर्ग को संशोधित आरक्षण का लाभ 8 मार्च 2019 से और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 2 जुलाई 2019 से मिलेगा. इस तरह 8 मार्च 2019 को जो पद खाली रह गए हैं उनमें ओबीसी का आरक्षण 14 फीसदी से बढ़कर 27 फीसदी किया गया है. इस तारीख से तैयार किए जाने वाले आरक्षण रोस्टर में एससी, एसटी के अलावा बाकी खाली पद अनारक्षित श्रेणी में आएंगे. इन सभी श्रेणियों में 33 फीसदी पद महिलाओं के लिए रिजर्व होंगे.

पुराना रोस्टर फ्रीज,नया आदेश लागू
मौजदा तरीके में खाली पदों पर रोस्टर लगाने के लिए अलग-अलग विभाग अलग-अलग मापदंड अपना रहे थे. इससे विसंगतियां पैदा हो रही थीं. कुछ जगह जहां जुलाई 2019 के पहले जो पद खाली थे, उन सभी में ओबीसी वर्ग के लिए 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस के लिए 10 % पद माने जा रहे थे. इससे अन्य वर्ग के उम्मीदवारों को नुकसान हो रहा था. इसलिए नया आदेश जारी करते हुए स्थिति स्पष्ट की गई है कि किस वर्ग के लिए किन पदों पर कैसे रोस्टर लागू करना है. इसके साथ ही पुराने रोस्टर को फ्रीज करने के निर्देश दे दिए गए हैं.

कांग्रेस ने कहा- साजिश की पोल खुली
राज्य सरकार के फैसले पर कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा, भाजपा सरकार की पिछड़े वर्गों के खिलाफ साजिश की पोल खुलने लगी है, जिस तरह से मध्य प्रदेश सरकार द्वारा तमाम जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी कर आठ मार्च 2019 को प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ की सरकार द्वारा लागू किए गए पिछड़ा वर्ग आरक्षण का परिपालन करते हुए 27 फीसदी आरक्षण दिया है, उसी तरह पिछड़े वर्गों की सीधी भर्ती की जाए. यह तो भाजपा का पिछड़ा वर्ग विरोधी रवैया था जो पिछड़े वर्गों को अधिकार नहीं मिलने दे रहा था. उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस पार्टी ने पिछड़े वर्गों की लड़ाई अदालत से लेकर जमीन तक लड़ी, अब सरकार की टाला मटोली नहीं चल पाया और इन वर्गों को आरक्षण देने के लिए आदेश जारी करना पड़ा.

सरकार के इस कदम का नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने की अपनी प्रतिबद्धता को मुख्यमंत्री शिवराज ने निभाया है.

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