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ICMR करेगा सेरोलॉजिकल सर्वे, इससे पता चलेगा इम्युनिटी का स्तर

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Published : Jul 7, 2021, 7:52 PM IST

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च अब शरीर में इम्युनिटी को लेकर छत्तीसगढ़ में सेरोलॉजिकल (Serological) सर्वे करने जा रही है. वास्तव में सेरोलॉजिकल टेस्ट एक तरह का सीरम टेस्ट जैसा होता है. इसके जरिए यह पता लगाया जाता है कि किसी व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज़ विकसित हो चुकी है या नहीं. जानिए इस सर्वे में क्या खास होगा ?

ICMR
आईसीएमआर

रायपुर:छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भारी संख्या में लोग संक्रमित हुए थे. अब धीरे धीरे राज्य में कोरोना संक्रमण की दर घटती जा रही है. लोग कोरोना को मात देकर अस्पताल से घर लौट रहे हैं. ऐसे में अब ICMR लोगों की इम्युनिटी का पता लगाने के लिए खास तरह का सर्वे करने जा रहा है. आईसीएमआर (Indian council of medical research) प्रदेश में सेरोलॉजिकल (Serological) सर्वे करने जा रही है. केंद्र सरकार के निर्देश पर आईसीएमआर द्वारा पहले चरण में 21 राज्यों के 70 जिलों में सेरोलॉजिकल सर्वे किया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ के बीजापुर, कबीरधाम और सरगुजा जिले शामिल हैं.

डॉक्टर सुभाष मिश्रा

ICMR द्वारा तीन बिंदुओं पर इस सर्वे में जोड़ दिया जाएगा

इस सर्वे के मुताबिक जिले में कितनी प्रतिशत आबादी वायरस की चपेट में आई है उसका पता लगाया जाएगा. साथ ही वायरस के किस वेरिएंट ने लोगों को ज्यादा अपनी चपेट में लिया और कोरोना से ठीक हुए लोगों में इम्युनिटी कितनी विकसित हुई है. इसका पता लगाया जाएगा.

Serological survey से ये काम होंगे आसान

एपिडेमिक कंट्रोल के संचालक डॉक्टर सुभाष मिश्रा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में आईसीएमआर (ICMR) के दल द्वारा सेरोलॉजिकल सर्वे (serological survey) किया जाना है. सेरोलॉजिकल सर्वे (सेरोलॉजिकल सर्वे) के माध्यम से आम जनता में बीमारी की प्रतिरोधक क्षमता का आकलन किया जाता है. हमारे यहां राज्य में टीकाकरण और कोरोना से प्रभावित लोगों में एंटीबॉडीज का स्तर क्या है. इसकी जांच सेरोलॉजिकल सर्वे (serological survey) से किया जाना है, जो बीमारी को समझने में, आम जनता को इस बारे में जागरूक करने और इसके लड़ाई के लिए योजना बनाने में सहयोग होगा.

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छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर ने मचाई थी तबाही

कोरोना की पहली लहर के मुकाबले, दूसरी लहर (second wave) ने छत्तीसगढ़ में कहर बरपाया है. पहली लहर जब सितंबर के समय प्रदेश में पीक पर थी, तब पूरे राज्य में 4,000 संक्रमित मरीज मिल रहे थे. वहीं जब कोरोना की दूसरी लहर, मई 2021में पीक पर था तब रायपुर में ही 4,000 संक्रमित मरीज मिल रहे थे. वही 15,000 संक्रमित मरीज लगभग रोजाना मिल रहे थे. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि प्रदेश में कोरोना ने किस तरह कहर मचाया है.

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