छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

सारंगढ़ तहसील में किसानों का जमावड़ा, धान पंजीयन को लेकर परेशान

सारंगढ़ में जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण किसान परेशान हैं. किसान तहसील और पटवारी के दफ्तरों की चक्कर काटने को मजबूर हैं. किसानो का कहना है कि 10 नवंबर तक धान पंजीयन का लास्ट डेट है, लेकिन यहां हजारों की संख्या में किसान आए हुए हैं, जिससे पटवारी नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में वह बहुत परेशान हैं.

farmers-worried-about-paddy-registration-in-sarangarh-tehsil-of-raigarh
सारंगढ़ तहसील में किसानों का जमावड़ा

By

Published : Nov 10, 2020, 5:55 AM IST

रायगढ़: सारंगढ़ में जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण किसान परेशान हैं. किसान तहसील और पटवारी के दफ्तरों की चक्कर काटने को मजबूर हैं. सारंगढ़ तहसील में इन दिनों किसानों की समस्या बढ़ती ही जा रही है. सारंगढ तहसील में सैकड़ों-हजारों की संख्या में किसान कई महीनों से पटवारी और तहसील दफ्तर का चक्कर लगाने में मजबूर हैं.

सारंगढ़ तहसील में किसानों का जमावड़ा

किसानों का कहना है कि 10 नवंबर तक धान पंजीयन का लास्ट डेट है, लेकिन यहां हजारों की संख्या में किसान आए हुए हैं, जिससे पटवारी नहीं मिल रहे हैं. इतना ही नहीं बड़े अधिकारी भी किसानों से मिल नहीं रहे हैं. ऐसे में किसान परेशान नजर आ रहे हैं.

बालोद: धान खरीदी में किसानों की समस्याओं को हल करने सांसद मोहन मंडावी पहुंचे कलेक्ट्रेट

तहसील का चक्कर काट रहे किसान

किसानों ने बताया कि जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण जिस किसान का 5 एकड़ जमीन है, उसका रखबा, खसरा 3 एकड़ का ही दिखा रहा है, जबकि पिछले वर्ष उसी पंजीयन में पूरा का पूरा धान बेचा गया था. अब किसान तहसील के चक्कर काटने में मजबूर हैं. किसानों का आक्रोश अब बढ़ता दिखाई दे रहा है. किसानों का कहना है कि ऐसी स्थिति में आत्महत्या करने में मजबूर हो जाएंगे. किसान पंजीयन की तिथि बढ़ाने के लिए गुहार लगा रहे हैं.

रायगढ़: धान खरीदी के लिए 7 हजार से ज्यादा किसानों ने कराया पंजीयन, किसान बढ़े लेकिन रकबा हुआ कम

तहसीलदार और जिम्मेदार झाड़ रहे पल्ला
मामले में सारंगढ़ अनुविभागीय अधिकारी नन्दकुमार चौबे से मोबाइल के माध्यम से जानकारी ली गई, तो मीटिंग में बिजी होने का हवाला दते हुए कुछ भी जानकारी देने से बचते नजर आए. इतना ही नहीं किसानों की परेशानी को लेकर तहसीलदार जेआर सतरंज से जानकारी ली गई, तो SDM साहब से जानकारी लीजिए कहते हुए पल्ला झाड़ लिए. ऐसे में जब जिम्मेदार किसानों की गुहार नहीं सुनेंगे, तो किसान ऐसे ही दर-दर की ठोकर खाते रहेंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details