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Kanker City Center Mall सिटी सेंटर मॉल में घूम रहा भालू

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Published : Apr 28, 2023, 12:41 PM IST

कांकेर में इन दिनों भालू की दस्तक से लोगों में खौफ है. कांकेर सिटी सेंटर मॉल में भालुओं को देखा गया है. मॉल में भालुओं के तेज दौड़ने का वीडियो सामने आया है.

Bear roaming in Kanker City Center Mall
कांकेर सिटी सेंटर मॉल में घूम रहा भालू

मॉल में घूम रहा भालू

कांकेर:कांकेर में भालू सिटी सेटर मॉल घूम रहा है. जिसका वीडियो सामने आया है. वीडियो में साफ तौर पर देखा जा रहा है कि भालू सिटी सेंटर मॉल के आसपास घूम रहा है. लगातार शहर में भालुओं की दस्तक से लोग खौफजदा हैं.

नेशनल हाईवे पर घूमता दिखा भालू:भालू इस बार कांकेर नगर के सिटी सेंटर मॉल में घूमता नजर आया है. सिटी सेंटर मॉल के बाद नेशनल हाइवे 30 में भालू काफी देर तक घूमता रहा. खास बात यह है कि यहां से 100 मीटर दूर वनपरिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय मौजूद है. लगातार भालुओं के शहर में आने से लोगों में खौफ है. भालुओं को शहर आने से रोकने में वन विभाग भी विफल साबित हो रही है.

बिल्डमार्ट में कर्मचारी ने बचाई थी जान:कांकेर में दो दिन पहले नगर से सटे चोपड़ा बिल्डमार्ट में दिनदहाड़े भालू का तांडव देखने को मिला. बिल्डमार्ट में भालू को देख वहां के कर्मचारी को भाग कर अपनी जान बचानी पड़ी थी. ये पूरा वाकया बिल्डमार्ट में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया था.

पानी की तलाश में शहर की ओर आते हैं जानवर:गर्मी का मौसम आते भोजन और पानी की तलाश में भालू शहर की ओर आ जाते हैं. यही कारण है कि गर्मियों में इनका तांडव शहर में अधिक देखने को मिलता है. कांकेर शहर चारो ओर पहाड़ और जंगलो है. नगर के आस-पास के जंगलो में भालू की संख्या अधिक है. अक्सर भोजन पानी की तलाश में भालू जंगल से नगर की ओर रुख करते हैं. जंगलो में छोटे-छोटे डबरी जानवरो के लिए बनाए गए हैं. गर्मी के दिनों में ये डबरी सूख जाते हैं. फलदार वृक्षों की संख्या भी जंगलो में घटने लगती है. ऐसे में भालू नगर की ओर आ जाते हैं.

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वन विभाग का जामवंत परियोजना:कांकेर नगर के आस-पास शिवनगर-ठेलकाबोड़ के पहाड़ियों में साल 2014-2015 में 30 हजार हेक्टेयर भूमि में वन विभाग ने भालू विचरण क्षेत्र बनाया था, जिसका नाम जामवंत परियोजना दिया गया था. इस परियोजना के तहत अमरूद, बेर, जामुन जैसे फलदार वृक्ष लगाना था. वन विभाग ने फलदार पौधा तो लगाए लेकिन कोई भी पेड़ फल देने लायक नहीं बन पाया. यही कारण है कि अब जंगली भालुओं को शहर की तरफ भोजन के लिए आना पड़ता है.

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