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खेल सिर्फ बहाना, वोटर्स हैं निशाना !

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Published : Sep 15, 2022, 8:43 PM IST

Updated : Oct 6, 2022, 12:40 PM IST

politics through sports in Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ सरकार का अचानक खेलों की तरफ रूझान बढ़ा है. छत्तीसगढ़ में स्थानीय और पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के लिया इस साल से छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल के आयोजन का फैसला लिया गया है. 18 से 28 सितंबर तक छत्तीसगढ़ में अंतरराष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया है. वहीं दिसंबर में सीपीएल यानी छत्तीसगढ़ प्रीमियर लीग क्रिकेट प्रतियोगिता भी रखी गई है. छत्तीसगढ़ सरकार के इस अचानक खेल प्रेम को भाजपा सियासी चश्मे से देख रही है. हालांकि जानकार मानते हैं कि खेलों को बढ़ावा देने के हर प्रयास की तारीफ होनी चाहिए.

रायपुर:छत्तीसगढ़ में लोकल खेलों को बढ़ावा देने के लिए भूपेश सरकार छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन करेगी. छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो खो, रस्साकसी, बाटी (कंचा) बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़ और लंबी कूद शामिल हैं. खेल प्रतियोगितायें महिला और पुरूषों के लिए होंगी. इसमें 18 वर्ष तक आयु के लिए, 18 से 40 वर्ष और 40 वर्ष से अधिक वर्ग के लिए खिलाड़ियों की प्रतियोगितायें आयोजित की जाएगी. politics through sports in Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में खेल के जरिए राजनीति

छत्तीसगढ़ ओलंपिक एसोसिएशन की ओर से रायपुर में 18 सितंबर से 28 सितंबर तक चीफ मिनिस्टर चेस ट्रॉफी का आयोजन भी होने जा रहा है. इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए लगभग 15 देशों के 500 से ज्यादा खिलाड़ी राजधानी रायपुर आएंगे. मैच टूर्नामेंट की इनामी राशि भी 35 लाख रखी गई है. वहीं दिसंबर में सीपीएल यानी छत्तीसगढ़ प्रीमियर लीग क्रिकेट प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा.

कांग्रेस का तर्क:छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद के मुताबिक "छत्तीसगढ़ में अभी छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का सबसे बड़ा आयोजन होने वाला है. सबसे खास बात यह है कि इन खेलों में आयु सीमा का कोई बंधन नहीं है. यानी 1 साल के बच्चे से लेकर 60-70 से ज्यादा उम्र तक के लोग इस प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं. 3 ऐज कैटेगरी में इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा. इस तरह की प्रतियोगिता से हमारी पारंपरिक संस्कृति और स्वस्थ छत्तीसगढ़ का निर्माण होगा. छत्तीसगढ़ी ओलंपिक के पहले भी हमारी सरकार विभिन्न खेलों का आयोजन करती आई है. सरकार की प्राथमिकता में है कि खेलों को बढ़ावा दिया जाए.''

रायपुर में 10 दिसंबर से छत्तीसगढ़ प्रीमियर लीग सीजन 2 क्रिकेट टूर्नामेंट

भाजपा का हमला: भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय श्रीवास्तव ने कहा " खेल कराने का मकसद यही है कि कांग्रेस के अंदर जो कुश्ती का खेल चल रहा है स्वास्थ्य मंत्री और भूपेश बघेल का, उन्हें लगता है कि यह खेल बाहर भी आना चाहिए. मुझे लगता है टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल की कुश्ती को देखकर जनता परेशान हो गई है. अगर कांग्रेस युवाओं के बारे में इतना ही सोचती है तो 4 सालों में भूपेश बघेल ने बेरोजगारी भत्ता युवाओं को क्यों नहीं दिया?

संजय श्रीवास्तव का यह भी कहना है कि ''अगर आप काम करेंगे तो युवा आपके साथ जुड़ेगा, लोग आपके साथ जुड़ेंगे. युवाओं के पैसे को राजीव मितान क्लब बनाकर आप कार्यकर्ताओं को देने का काम कर रहे हैं. इससे बड़ी बेइमानी नहीं हो सकती. जनता के पैसों को राजीव मितान क्लब में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को देने का प्रयास कर रहे हैं. यह छत्तीसगढ़ का युवा बेरोजगार समझता है कि मेरा पैसा कांग्रेस का युवा कार्यकर्ता डकार रहा है. इसका बदला युवा चुनाव में लेगा.''

क्या वाकई खेलों को बढ़ावा देने की है कोशिश: राजनीतिक विश्लेषक बाबूलाल शर्मा ने बताया " इस तरह की प्रतियोगिता से छत्तीसगढ़ के खेलों को बढ़ावा मिलेगा. छत्तीसगढ़ के स्कूलों में छत्तीसगढ़ के बच्चे जो बचपन में खेल खेलते थे, उनको एक नई दिशा मिलेगी. सरकार का यह अच्छा प्रयास है और इसकी प्रशंसा की जानी चाहिए.''

बहरहाल छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में लगभग एक साल का समय बचा है. चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं, भाजपा और कांग्रेस विभिन्न मुद्दों को लेकर महिला, आदिवासी, किसान , युवाओं को साधने की कोशिश में जुट गए हैं. आने वाले चुनाव में युवा और महिला एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.

Last Updated :Oct 6, 2022, 12:40 PM IST

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