अररिया : इस्लाम की बुनियाद को बचाने में कर्बला में 72 लोग शहीद हो गए. मैदाने कर्बला में इस्लाम के हित में जंग करते हुए इमाम हुसैन और उनके परिवार के लोग शहीद हुए थे. हुसैन की उसी कुर्बानी को याद करते हुए मुहर्रम 2023 को मुसलमान अलग-अलग तरीकों से शोक जाहिर करते हैं. इसी में अररिया जैसे इलाके में बांस की झरनी के माध्यम से गीत गाकर मैदान-ए-जंग में हुए शहीद हुसैन की याद को ताजा किया जाता है. इस गीत के माध्यम से उन वाक्यों को दोहराया जाता है जब इमाम हुसैन शहीद हुए थे और किस तरह से उन पर अत्याचार हुआ था. इसी गीत को बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन मंत्री शाहनवाज आलम ने जोकीहाट में उन जंगी युवाओं के साथ झरनी बजाकर गाया और उनका साथ दिया. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे. वहीं आपदा प्रबंधन मंत्री घूम घूम कर झरनी बजाते हुए शहीद हुए पैगंबर की याद को गीतों के माध्यम से दुहरा रहे थे. बता दें कि नवमी के दिन देर रात्रि तक लोग अखाड़ा निकाल कर लाठी भाले तलवार का करतब दिखाते हैं. इसके बाद दशमी के दिन करतब दिखाने के बाद देर शाम पहलाम कर दिया जाता है.