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इलाज के नाम पर मरीजों की जान से खिलवाड़, अवैध नर्सिंग होम में फिजिशियन करते हैं ऑपरेशन

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Published : Feb 2, 2022, 6:32 PM IST

पश्चिम चंपारण के बगहा में अवैध नर्सिंग होम ( Physicians Done Surgery In Bagaha ) का संचालन धड़ल्ले से जारी है. यहां फिजिशियन मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. आलम यह है कि इन फर्जी अस्पतालों में सरकारी चिकित्सकों के नेम प्लेट का उपयोग कर फिजिशियन सर्जरी भी करते हैं. पढ़ें पूरी खबर..

Physicians Perform Surgery In Bagaha
Physicians Perform Surgery In Bagaha

पश्चिम चंपारण:जिले में सरकारी डॉक्टरों के नेम प्लेट के नाम पर दर्जनों अवैध क्लीनिक संचालित हो रहे हैं. इतना ही नहीं अवैध निजी नर्सिंग (Bagaha Illegal Nursing Home) होम में फर्जी डॉक्टरों द्वारा सर्जरी करने की सूचनाएं मिलती रहती है. जबिक, इस मामले में स्वास्थ्य महकमा मूकदर्शक बना हुआ है. ऐसा ही एक मामला तोनवा त्रिभौनी गांव से सामने आया है. यहां महावीर हेल्थ केयर के नाम से अवैध नर्सिंग होम चलाया जा रहा है और फिजिशियन या झोलाछाप डॉक्टर यहां मोटी रकम वसूल कर मरीजों का ऑपरेशन करते हैं.

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बगहा में ऐसे कई अवैध नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं जिनका ना तो रजिस्ट्रेशन है और ना ही इन अस्पतालों में सर्जन डॉक्टर ही मौजूद हैं. लेकिन यहां धड़ल्ले से पेट चीरकर मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. यहा तक की संचालकों ने खुद की दवा दुकान भी खोल रखी है, जिसका लाइसेंस तक नहीं है. सबसे बड़ी बात यह है कि, इन अवैध क्लीनिकों में दो से तीन सरकारी डॉक्टरों के नाम अंकित हैं. लेकिन उनमें से एक भी सर्जन इन अस्पतालों में नहीं आते हैं. फजिशियन ही यहां सर्जरी करते हैं और फीस समेत दवा के नाम पर मनमाना पैसा मरीजों से वसूला जाता है.

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तोनवा त्रिभौनी गांव में अवैध नर्सिंग होम (Illegal Nursing Home In Tonwa Tribhauni Village) में मरीज के परिजनों से 18 से 20 हजार रुपये फीस वसूले गए हैं और 4 से 5 हजार की दवाइयां दी गई हैं. यहां आधा दर्जन ऐसे मरीज मिले जिनका पेट चीरकर ऑपरेशन किया गया था और मोटी रकम वसूली गई थी. मरीज के परिजनों ने बताया कि, वे लोग डिलीवरी (प्रसव) के लिए पहले सरकारी अस्पताल गए थे. लेकिन बच्चा उल्टा था तो, वहां से रेफर कर दिया गया. वापस बाहर के अस्पताल जाने के लिए घर लौटे तो गांव में ही संचालित हो रहे नर्सिंग होम के संचालक ने कहा कि, हमारे यहां ही सर्जरी कर डिलीवरी करवा लो. जिसके बाद परिजनों से मोटी रकम वसूली गई और ऑपरेशन किया गया.

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मरीज के परिजनों द्वारा सूचना के बाद जब ईटीवी भारत ने खबर बनाई और संचालक से बात करने की कोशिश की तो, संचालक भाग खड़े हुए. फिर खबर न चलाने का दबाव बनाया जाने लगा. कई सफेदपोशों के फोन कॉल आने शुरू हो गए. ऐसे में जब हमने इस बाबत चिकित्सा पदाधिकारी से बात की तो, उन्होंने जांच कर कार्रवाई की बात कही है. अब देखने वाली बात यह होगी कि, जिले में इस तरह के अवैध नर्सिंग होम जो बिना सर्जन डॉक्टर के सर्जरी कर मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ करते हैं, उनपर स्वास्थ्य महकमा नकेल कैसे कसता है. सवाल यह है कि, क्या यह सब कुछ ऊपर से ही मैनेज किया जाता है.

बता दें कि इससे पहले भी कई बार ईटीवी भारत ने इस तरह के मामलों को उजागर किया है. जिसमें बताया गया था कि, सरकारी चिकित्सकों का नेम प्लेट लगाकर झोला छाप डॉक्टर सर्जरी करते हैं. लिहाजा डीएम और सिविल सर्जन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच का निर्देश दिया था. प्रशासन की ओर से लगातार कार्रवाई भी की जाती है. कई फर्जी नर्सिंग होम को सील भी किया जा चुका है. बावजूद इसके अवैध नर्सिंग होम कुकुरमुत्ते की तरह फैले हुए हैं. इनपर लगाम लगाने के लिए सख्त और बड़े कदम उठाने की जरूरत है. अगर जल्द से जल्द इस पर नकेल नहीं कसा गया तो, मरीजों के जान के साथ इसी तरह से खिलवाड़ होता रहेगा.

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