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मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड: ऑपरेशन कराकर लौटे बेतिया के 4 लोगों की आंखों की रोशनी हुई कम

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Published : Dec 3, 2021, 7:45 PM IST

मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड मामला (Muzaffarpur Cataract Case) बढ़ता ही जा रहा है. वहां से ऑपरेशन करवाकर लौटे नरकटियागंज इलाके के चार लोगों को धुंधला दिखाई पड़ रहा है. इसके साथ ही लोगों को आंख में अब भी परेशानी बनी हुई है. पढ़ें पूरी खबर.,

ऑपरेशन कराने के बाद लोगों को दिख रहा धुंधला
ऑपरेशन कराने के बाद लोगों को दिख रहा धुंधला

बेतिया:मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड (Muzaffarpur Cataract Case) मामले में अब पश्चिम चंपारण जिले से भी मामले सामने आ रहे हैं. जिले के नरकटियागंज प्रखंड के शेरहवा डकहवा पंचायत के चार लोगों को आंख के ऑपरेशन के बाद साफ-साफ दिखाई नहीं दे रहा है. ये सभी लोग मुजफ्फरपुर के जूरन छपरा स्थित आई हॉस्पीटल में ऑपरेशन करा कर लोटे हैं. आंख का ऑपरेशन कराकर लौटने वालों में ध्रुव चौधरी, अलगु साह, शंकर राम और लक्ष्मीणा शामिल हैं.

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इनमें लक्ष्मीणा, ध्रुव चौधरी और शंकर राम की बांयी आंख का और अलगु साह की दांयी आंख का मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ है. ऑपरेशन कराकर लौटे लोगों ने बताया कि ऑपरेशन के पहले उन्हें साफ-साफ दिखाई देता था, लेकिन ऑपरेशन के बाद जिस आंख का ऑपरेशन हुआ उससे धुंधला दिखाई दे रहा है. पीड़ितों ने बताया कि मुजफ्फरपुर में उन्हें ऑपरेशन के लिए भर्ती किया गया. आंख में दवा डालने को दी गयी. फिर उन्हें उक्त हॉस्पीटल से निकालकर किसी दूसरे हॉस्पीटल में ले जाया गया. जहां अन्य मरीजों का आंख निकाला जा रहा था.

पीड़ितों ने बताया कि संयोगवश वहां पुलिस ने रेड कर दी. जिसके बाद परिजन उन्हें लेकर भागने में सफल रहे. पीड़ितों के अनुसार उनके सभी कागजात अस्पताल वालों ने पहले ही ले रखे थे. अस्पताल में इलाज के पूर्व उनका गलत एड्रेस भी अंकित किया गया था. पीड़ितों ने संदेह जताते हुए बताया कि आंख शिविर लगाकर चिकित्सकों ने आंख निकालने का रैकेट चला रखा था. उनकी आंख किसी तरह बच गयी. ऑपरेशन के बाद अभी भी उन्हे आंख में दर्द और धुंधलापन की शिकायत है. अब वे अन्य आंख के डाक्टर के पास जाने की तैयारी में हैं.

ऑपरेशन कराने के बाद लोगों को दिख रहा धुंधला

पीड़ितों ने बताया कि नरकटियागंज प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों के दर्जनों गांव के लोग गए थे. जिनकी आंख की ऑपरेशन की गई है. वहीं पंचायत के मुखिया अनुपधर दुबे ने बताया कि अस्पताल के दलाल इलाके में सक्रिय हैं और लोगों को बुलाकर ले गए. ऑपरेशन के बाद सभी के आंख से धुंधला दिखाई दे रहा है. सभी लोगों का पूर्जा गलत नाम और पते से बनाया गया है. मुखिया ने कहा कि अगर इन लोगों के साथ कोई दुर्घटना होता है तो पूर्जे वाले पते पर ढुंढ़ने से भी कोई नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए.

गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर जिले के जूरन छपरा स्थित (Cataract Operation Camp in Muzaffarpur) आई हॉस्पिटल में बीते 22 नवंबर को हुए एक साथ 65 लोगों के मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद सभी लोगों की आंखों में अचानक संक्रमण होने लगा और एक-एक कर अब तक 15 लोगों की आंखें हमेशा के लिए निकाली जा चुकी है. वहीं, अभी करीब एक दर्जन लोग जिन्हें आंखों में संक्रमण है वे अभी एसकेएमसीएच में भर्ती कराए गए हैं. प्रशासन की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार अब तक 15 लोगों की ऑपरेशन कर आंख निकाली गया है, जिसमें चार मरीजों की आंख आई हॉस्पिटल के द्वारा निकाला गया था. वहीं, 11 मरीजों का आंख एसकेएमसीएच में निकाला गया है.

सभी ऑपरेशन कराने वाले बिहार के विभिन्न जिले के साथ यूपी के रहने वाले थे. जिसमें मुजफ्फरपुर के 26, पूर्वी चंपारण-16, पश्चिमी चंपारण-07, वैशाली-07, शिवहर-02 समस्तीपुर-05, खगड़िया-01 और यूपी के कुशीनगर एक मरीज ने मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराया था. इस पूरे प्रकरण के बाद पटना से स्वास्थ्य विभाग द्वारा डॉक्टर हरीश चंद्र ओझा के नेतृत्व में जांच टीम भेजी गई जो आई हॉस्पिटल का भी जांच पड़ताल की. वहीं, एसकेएमसीएच में भर्ती 21 मरीजों और उनके परिजनों से भी बातचीत की.

बता दें कि मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड में सीएस के बयान पर ब्रह्मपुरा थाने में आई हॉस्पिटल प्रशासन के खिलाफ केस दर्ज (Case filed against Muzaffarpur Eye Hospital) किया गया है. आई हॉस्पिटल में ऑपरेशन होने के बाद संक्रमण के चलते 15 लोगों ने हमेशा के लिए अपनी आंखें गंवा दी थी. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन पर बड़ी लापरवाही बरतने का आरोप लगा है.

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