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बेतिया: अर्जुनही नाले की जल्द होगी सफाई, खेती लायक बनेगी 900 एकड़ जमीन

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Published : Dec 14, 2020, 3:32 PM IST

अर्जुनही नाले का निरीक्षण

बेतिया में अर्जुनही नाले की सफाई को लेकर करीब एक दशक से चल रही किसानों की मुहिम का असर अब दिखने लगा है. किसानों के संघर्ष के आगे विधायक ने पहल करते हुए जलजमाव की परेशानी से जल्द ही निजात दिलाने का आश्वासन दिया.

पश्चिम चंपारण:जिले के पिपरासी प्रखंड के मंझरिया पंचायत स्थित अर्जुनही नाले की सफाई के लिए एक दशक से चल रहे किसानों के संघर्ष का परिणाम अब सामने आना शुरू हो गया है. दूसरी बार निर्वाचित होने के बाद क्षेत्र भ्रमण करने आये विधायक धीरेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू से इस संबंध में ग्रामीणों ने मांग की थी. विधायक ने भी गंभीरता दिखाते हुए लोगों की परेशानी को हल करने में जुट गए.

दो सदस्यीय टीम ने किया निरीक्षण
विधायक धीरेन्द्र प्रताप सिंह के निर्देश पर जल संसाधन विभाग की दो सदस्यीय टीम ने नाले का निरीक्षण किया और भौतिक स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान अभियंताओं ने नाले के अवरुद्ध स्थल से लेकर गंडक नदी तक का निरीक्षण किया और अवरुद्ध पानी के निकासी के लिए हर बिंदुओं पर स्थानीय लोगों से चर्चा की. अभियंताओं ने पानी निकासी के मार्ग में आने वाले अवरुद्ध के हर बिंदु की गहनता से जांच की.

दो सदस्यीय टीम ने किया निरीक्षण

नाले की 5 किलोमीटर तक होगी सफाई
विभागीय एसडीओ ने बताया कि नाले की सफाई के साथ नाले के पानी को उचित स्थान तक पहुंंचाने की दिशा में भी काम करना होगा. नाले की सफाई के बाद भी आगे मुहाने पर जलनिकासी के मार्ग के अवरुद्ध हो जाने से पानी निकल नही पाएगा, इसके लिए पकाफ़ियहवा पुल से लेकर गंडक नदी तक पांच किलोमीटर तक नाले की सफाई करना होगी. इससे किसानों को जलजमाव की समस्या से निजात मिल जाएगा.

नाले की सफाई के लिए किया निरीक्षण

'नाले की सफाई के लिए सभी बिंदुओं के आधार पर निरीक्षण किया जा रहा है. इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को दी जाएगी. इसके बाद ही सफाई का आंकलन किया जाएगा. अगर सब कुछ सही रहा तो बरसात से पहले इस नाले की सफाई कर दी जाएगी'- सचिन कुमार, एसडीओ

खेती के लायक होगी 900 एकड़ जमीन
अर्जुनही नाले की सफाई नहीं होने से जलजमाव से प्रभावित 900 एकड़ जमीन खेती के लायकहो जाएगी. इससे किसानों को काफी फायदा होगा. जिलापार्षद मनोज कुशवाहा ने बताया कि गंडक नदी से एक धारा निकलकर पंचायत के उत्तर दिशा होते हुए पश्चिम और दक्षिण दिशा से बहते हुए दुबारा पूरे पंचायत से निकलते हुए गंडक नदी में जाकर मिल जाती है. इस दौरान इस नाले के मुहाने पर अतिक्रमण के कारण अवरुद्ध हो गया था.

पूरे साल जलजमाव की स्थिति बनी रहती है. जिससे 900 एकड़ उपजाऊ जमीन बेकार ही पड़ी रहती है, इससे किसानों को काफी नुकसान होता है. स्थानीय किसान नाले की सफाई के लिए कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके थे, लेकिन कोई असर नहीं हुआ था. इस बार विधायक की पहल पर शायद ये सफाई हो जाये तो किसानों को काफी फायदा होगा.

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