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कोरोना और ठंड के बीच आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करना भूल गया प्रशासन, बड़ा सवाल लापरवाही का जिम्मेदार कौन?

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Published : Jan 6, 2022, 8:45 PM IST

वैशाली में नहीं बंद हुए आंगनबाड़ी स्कूल
वैशाली में नहीं बंद हुए आंगनबाड़ी स्कूल

बिहार में कोरोना संक्रमण (Corona In Bihar) पूरी तरह से फैल चुका है. जिससे आम लोग और सरकार की चिंता बढ़ी हुई है. इन सबके बीच वैशाली से खबर आई कि यहां सभी आंगनबाड़ी स्कूल खुले हुए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

वैशालीःबिहार में कोरोना संक्रमण (Corona In Bihar) और कड़ाके की ठंड को देखते हुए सरकार ने 8वीं तक के स्कूल को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है, सरकार की ओर से जारी कोरोना गाइडलाइन में साफ तौर पर छोटे बच्चों के स्कूलों को बंद रखने के निर्देश है. इसके बावजूद वैशाली के लालगंज प्रखंड (Lalganj Block vaishali) के सभीआंगनबाड़ी स्कूल (Anganwadi School Not Closed In Vaishali) खुले हुए हैं. इन्हें अब तक बंद नहीं किया गया है. बच्चे इस कड़ाके की ठंड में जमीन पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं.

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कोरोना के देखते हुए सरकार ने बच्चों की सुरक्षा के लिए कई फैसले लिए हैं. प्रदेश के वर्ग 1 से लेकर आठ तक के स्कूलों को बच्चों के लिए बंद कर दिया गया है. ताकि शीतलहर और कोरोना से बच्चों को बचाया जा सके. इन सबके बीच वैशाली से सरकारी अधिकारियों की बड़ी संवेदनहीनता सामने आ रही है.

देखें वीडियो

दरअसल जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को कड़ाके की ठंड और शीतलहर के बावजूद संचालित किया जा रहा है. इन आंगनबाड़ी केंद्रों पर तीन से छह वर्ष तक मासूम बच्चों को पढ़ाया जाता है. कोरोना संक्रमण के इस दौर में जहां लोगों के लिए शारीरिक दूरी और मास्क लगाने का फरमान जारी किया गया है. वहीं, आंगनबाड़ी केंद्रों पर तीन से छह साल के उम्र के बच्चे जमीन पर बैठकर बिना मास्क के पढ़ रहे हैं.

वीडियो में आप देख सकते हैं कि बच्चे कैसे ठंड में जमीन पर बिना मास्क लगाए एक दूसरे से सटकर बैठे हैं और पढ़ाई करने में मशगूल हैं. आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ाई कर रहे बच्चों का कहना कि ठंड में उन्हें स्कूल आना पढ़ता है. छात्र साहिल राज ने कहा कि वो लोग चाहते हैं कि स्कूल बंद हो जाए.

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हालांकि इस सिलसिले में जब केंद्र की सेविका से पूछा गया तो उन्होंने अधिकारियों द्वारा केंद्र संचालित रखने की बात कही. सवाल उठता है कि क्या छोटे बच्चों पर ठंड और कोरोना का असर नहीं होता है, या फिर अधिकारी पूरी तरह संवेदनहीन हो चुके हैं. इस विषय में सेविका का मधुमाला का कहना है कि पेपर में पढ़े हैं कि स्कूल बंद हैं. लेकिन विभाग कह रहा है कि बच्चों को स्कूल में पढ़ाना है. बच्चों को बुलाने जाते हैं, तो घर के लोग भी नाराज होते हैं. ऐसे में मजबूरन बच्चों को लाकर पढ़ाया जा रहा है.

वहीं, पर्यवेक्षिका लवली कुमारी का कहना है कि विभाग से पत्र प्राप्त होने के बाद ही आंगनबाड़ी के स्कूल को बंद किया जा सकता है. हम विभाग के आदेश का इंतजार कर रहे हैं. जब ऊपर से आदेश आएगा तो केंद्र को बंद किया जाएगा.

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