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उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने खोला पहला रोजा, मांगी दुआ- सबका रोजा कबूल हो

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Published : Apr 3, 2022, 10:35 PM IST

उद्योग मंत्री शहनवाज हुसैन
उद्योग मंत्री शहनवाज हुसैन

पवित्र रमजान महीने का रोजा (व्रत) शुरू हो चुका है. रविवार को बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रोजा रखा. बिहार सरकार के उद्योग मंत्री ने सुपौल में पहला रोजा खोला. पढ़े पूरी खबर..

सुपौल:बड़ी संख्या में लोगों ने पवित्र रमजान महीने का पहला रोजा रखा. बिहार सरकार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन रोजे के पहले दिन सुपौल में थे. सुपौल शहर के मरीचा रोड स्थित एहसान हक के आवासीय परिसर में रविवार की शाम आयोजित इफ्तार पार्टी में उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन भी शामिल (Industry Minister Shahnawaz Hussain opened first Roja in Supaul) हुए. उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने समूह में नवाज अता करने के बाद पहला रोजा खोला.

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एमएलसी चुनाव में शामिल होंगे शहनवाज हुसैनःइस मौके पर उन्होंने कहा कि सोमवार को एमएलसी चुनाव के होने वाले मतदान में वे शामिल होंगे. इस दौरान उन्होंने आगे कहा कि पहला रोजा उन्होंने सुपौल में ही खोला है, जहां शहर के कई पुराने लोगों से मुलाकात का सुखद अनुभव मिला है. इस दौरान उन्होंने बिहार और देश वासियों को रमजान की मुबारकबाद देते हुए कहा कि उम्मीद करता हूं कि यह रोजा उनके लिए बहुत अच्छा हो और सबका रोजा कबूल हो. इस मौके पर दर्जनों रोजेदार मौजूद थे.

पांच वक्त की नमाज रखते हैं कई लोगःरमज़ान के महीने में मुसलमान रोज़ा (व्रत) रखते हैं, और सूरज निकलने से लेकर सूरज डूबने तक कुछ खाते-पीते नहीं हैं. इस बार पहली सहरी (सूरज निकलने से पहले का भोजन) का समय सुबह चार बजकर 48 मिनट पर खत्म होगा और इफ्तार (व्रत खोने का समय) शाम छह बजकर 42 मिनट पर है यानी करीब 14 घंटे का रोज़ा होगा. सूरज निकलने और डूबने के समय में परिवर्तन के साथ इसमें भी बदलाव होता रहेगा. रमज़ान में मुस्लिम समुदाय के लोग ईशा (पांच वक्त की नमाज़ में रात में साढ़े आठ बजे होने वाली अंतिम नमाज़) के बाद पूरे महीने विशेष नमाज़ अदा करते हैं, जिसे ‘तरावीह’ कहा जाता है. इस नमाज़ में कुरान का पाठ किया जाता है.

बीते दो बरस से कोरोना वायरस के चलते लगी पाबंदियों की वजह से धार्मिक स्थल बंद थे और 'तरावीह' की विशेष नमाज़ मस्जिदों में नहीं हो रही थी, हालांकि इस बार कोविड के मामले कम होने के बाद पाबंदियों को हटा लिया गया है. मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने कहा, इस बार कोविड का खतरा कम होने के बाद मस्जिदें खोल दी गई हैं और ‘तरावीह’ की नमाज़ होगी, लेकिन कोविड का खतरा पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, इसलिए एहतियात जरूरी है. उन्होंने कहा, चीन और दुनिया के कुछ हिस्सों में कोविड के मामले बढ़े हैं, जिस वजह से वहां पर लॉकडाउन लगा हुआ है. हमारे देश में भले ही खतरा कम हो गया हो, लेकिन लोग एहतियात बरतें और इसको पूरी तरह से खत्म करने की अल्लाह से दुआ मांगें.

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