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Siwan Hooch Tragedy: जहरीली शराब पीकर मरने वालों की संख्या हुई 13, बढ़ सकता है मौत का आंकड़ा

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Published : Jan 24, 2023, 8:45 PM IST

Updated : Jan 25, 2023, 9:00 PM IST

सिवान में जहरीली शराब पीने से दस लोगों की मौत

बिहार के सिवान में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 13 तक पहुंच गई है. सोमवार तक यह आंकड़ा 7 था. हालांकि, प्रशासन ने सिर्फ पांच लोगों की मौत की पुष्टि की है. कई लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती होकर इलाज करा रहे हैं. ऐसे में मरने वाली संख्या में और इजाफा हो सकता है. इस बीच मामले में कई बड़े खुलासे हुए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

सिवान: बिहार के सिवान में जहरीली शराबकांड को लेकर प्रदेश भर में बवाल मचा है. शराब पीकर मरने वालों की संख्या 13 पहुंच गयी (Ten Died Due To Poisonous Liquor In Siwan) है. जिन लोगों की मौत हुई है, उनके घर में कोहराम मचा है. पुलिस और प्रशासन मामले की तह तक जाने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है. मामले में मुख्य आरोपी सहित दर्जन भर से अधिक लोग गिरफ्तार हुए हैं. अब यह मामला काफी हद तक शीशे की तरह साफ हो गया है.

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जहरीली शराब पीने से इन लोगों की हुई मौत:जहीरीली शराब पीने से 13 लोगों की मौत हुई है. मरने वाले लोगों में जनक देव बीन पिता लक्ष्मण बीन उम्र 45 वर्ष ग्राम बाला, सुरेंद्र प्रसाद पिता भोला प्रसाद उम्र 50 वर्ष ग्राम बाला, राजू मांझी पिता जमदार मांझी, उम्र 35 वर्ष ग्राम बाला, राजेश प्रसाद पिता रामनाथ प्रसाद उम्र 32 साल ग्राम बाला, धूरेंद्र मांझी पिता शिवदयाल मांझी उम्र 35 साल ग्राम बाला, जितेंद्र मांझी पिता राजू मांझी, ग्राम बाला, लछन देव राम पिता सर्वजीत राम ग्राम परौड़ी उम्र 55 साल, दुलम रावत पिता सुदामा रावत उम्र 40 वर्ष ग्राम बाला, नरेश रावत ग्राम बाला और सुदर्शन महतो पिता मोख्तार महतो शामिल हैं.

बुधवार को तीन की मौत :लक्ष्मण भगत पिता सनकी भगत की भी मौत हुई है. वह पड़ौली निवासी थे. वे अपने घर मे इलाज करा रहे थे. बुधवार को उनकी मौत हुई. गोपालगंज के रहने वाले नरेश साह की भी मौत हो गयी. वह रिलेशन में गया था, और शराब पी थी, जिसके कारण इसकी मौत हुई. बाला गांव निवासी प्रमोद राय की भी मौत बुधवार को हो गयी. बुधवार को इलाज के क्रम में पटना पीएमसीएच में शत्रुघ्न चौरसिया की भी मौत गयी है. हालांकि, प्रशासन ने सिर्फ पांच लोगों की मौत की पुष्टि की है.

कोलकाता की इथनॉल कंपनी से मंगाया था स्प्रिट: बीते सोमवार को एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने मामले में बड़ा खुलासा किया था. उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी संदीप चौहान ने कोलकाता की एक इथनॉल कंपनी से सैनेटाइजर के नाम पर स्प्रिट मंगाया था. जिसे मंटू नाम के शख्स को दिया गया. उसी ने इस स्प्रिट से शराब बनायी थी. लेकिन यह स्प्रिट नकली निकला. जिस वजह से 10 लोगों की मौत हो गयी. तो कुछ लोग बीमार पड़ गए. जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है.

शराब बनाने वाले मंटू का बड़ा खुलासा : नकली स्प्रिट से शराब बनाकर बेचने वाले मंटू बिंद को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. उसने कबूल किया है कि उसने दीपक नाम के व्यक्ति से स्प्रिट को खरीदा था. उसने बताया कि कोलकाता से स्प्रिट मंगाया गया था. जिसके बाद उसने एक लीटर स्प्रिट में चार लीटर पानी मिलाकर शराब बनायी और लोगों को बेचा. लेकिन कुछ ही देर में उस शराब को पीने वाले लोगों की मौत होनी शुरू हो गयी.

उसने यह भी बताया कि वह शराब बनाकर बेचने का काम तीन साल से कर रहा था. पहली बार उसने दीपक से स्प्रिट खरीदा था. अपने बयान में उसने यह भी बताया कि जब लोगों की मौत होनी शुरू हुई तो उसने दीपक से बात की. लेकिन वह यह बात मजाक में लेने लगा. उसने बताया कि उसे नहीं पता था कि स्प्रिट नकली है.

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अब तक 16 लोगों की गिरफ्तारी:इस मामले में अब तक 16 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. मामले में पहला बड़ा खुलासा तब हुआ, जब कोलकाता से स्प्रिट मांगने वाला संदीप चौहान और उसके भाई को दबोचा गया. इसके बाद स्प्रिट खरीदने वाले मंटू बिंद की गिरफ्तारी हुई. जिसने स्प्रिट से शराब बनाकर लोगों को बेचा था. इन तीनों की गिरफ्तारी से लगभग मामला स्पष्ट हो चुका है. अन्य गिरफ्तार 13 लोगों का भी किसी ना किसी तरह से मामले में रोल है.

पूरे मामले पर एक नजर:यह पूरा मामला सिवान जिले के नबीगंज थाना क्षेत्र के बाला गांव से जुड़ा है. बीते 22 जनवरी रविवार को दो लोगों गंभीर हालत में सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. वे पेटदर्द और आंख से दिखाई नहीं देने की समस्या लेकर अस्पताल पहुंचे थे. उनके परिजनों ने बताया था कि दोनों ने शराब पी थी. जिसके बाद तबीयत खराब हुई है.अगले दिन मरने वालों की संख्या सात पहुंच गयी. हालांकि, प्रशासन ने उस दौरान भी कोई बयान नहीं दिया.

छपरा में 75 लोगों की मौत: एक महीने पहले छपरा में भी जहरीली शराब पीने से 75 लोगों की मौत हो गयी थी. उस मामले में हैम्योपैथिक दवा से शराब बनाने की बात सामने आई थी. मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार की टीम आई थी. तब यह बात खुलकर सामने आई थी कि कैसे शराब की तस्करी और खरीद-बिक्री गांव-गांव हो रही है. सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी खूब हुआ था.

Last Updated :Jan 25, 2023, 9:00 PM IST

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