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शहाबुद्दीन के लाल पर नेताओं की नजर, अपने साथ लाने के लिए डाल रहे डोरे

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Published : Jun 13, 2021, 9:29 PM IST

सिवान के बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन के बाद कई राजनीतिक दलों के नेता उनके आवास पर जाकर परिजनों से मिल रहे हैं. वे शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा को अपने साथ लाने की कोशिश में जुटे हैं.

Shahabuddin son Osama
शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा से मिल रहे नेता.

पटना:बिहार में अल्पसंख्यक वोट बैंक (Minority Vote Bank) को साधने के लिए राजनीतिक दल जद्दोजहद कर रहे हैं. सिवान के बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन (Mohammad Shahabuddin) के निधन के बाद कई राजनीतिक दलों के नेता उनके आवास पर जाकर परिजनों से मिल रहे हैं. उन्हें सांत्वना दे रहे हैं. शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा पर सबकी नजर है. कई दलों के नेता ओसामा को अपने साथ लाने की कोशिश में जुटे हैं.

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एक वक्त था जब शहाबुद्दीन सिवान की राजनीति की दिशा और दशा तय करते थे. बिहार में NDA की सरकार बनने के बाद उनकी पकड़ ढीली पड़ी और लगातार चुनाव हारते रहे. जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद शहाबुद्दीन ने नीतीश कुमार को परिस्थितियों का मुख्यमंत्री कहा था. इस बयान ने उनकी परेशानी बढ़ा दी थी और उन्हें तिहाड़ जेल जाना पड़ा था.

देखें रिपोर्ट

सांत्वना देने पहुंच रहे हैं नेता
शहाबुद्दीन के निधन के बाद उनके आवास पर परिजनों को सांत्वना देने वालों का तांता लग गया है. राजनीतिक दलों के नेताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा से मिलने पहुंचे थे. JAP नेता पप्पू यादव भी ओसामा से मिलने पहुंचे थे. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) के पांचों विधायक भी सिवान पहुंचकर ओसामा से मिल चुके हैं.

महागठबंधन ने किया अल्पसंख्यक वोट बैंक का इस्तेमाल
"महागठबंधन ने अल्पसंख्यक वोट बैंक का इस्तेमाल किया. उनके विकास की चिंता नहीं की. अल्पसंख्यक भी विकास चाहते हैं. अब वे सेक्युलरिज्म के नाम पर राजनीतिक दलों के बहकावे में आना नहीं चाहते. उन्हें विकास, रोजगार और तरक्की चाहिए. भाजपा सबकी चिंता कर रही है."-प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, भाजपा

"व्यक्तिगत तौर पर नेता शहाबुद्दीन के परिजनों से मिलने पहुंच रहे हैं और उन्हें सांत्वना दे रहे हैं. इसका कोई राजनैतिक मतलब नहीं है. ओसामा कह चुके हैं कि वह राजद के साथ ही रहेंगे."- राजेश राठौड़, प्रवक्ता, कांग्रेस

कोरोना से हुई थी शहाबुद्दीन की मौत
गौरतलब है कि शहाबुद्दीन दिल्ली के तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. वह कोरोना से संक्रमित हो गए थे. 1 मई को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी. शहाबुद्दीन के शव को दिल्ली गेट के जदीद कब्रिस्तान में दफनाया गया था.

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