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शिवहर में 9 दिसंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, न्यायाधीश ने हरी झंडी दिखाकर जागरूकता वाहन को किया रवाना

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 6, 2023, 7:07 PM IST

National Lok Adalat organized in Sheohar: शिवहर में 9 दिसंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन को लेकर जागरूकता वाहन को रवाना किया गया. जहां वाहन के जरिए लोगों को जागरूक किया जाएगा. इस जागरूकता वाहन को न्यायलय परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव व न्यायाधीश राम सूजान पांडे ने हरी झंडी दिखाकर विभिन्न थाना क्षेत्र के लिए रवाना किया है.

National Lok Adalat organized in Sheohar on 9th December
शिवहर में 9 दिसंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

शिवहर: बिहार के शिवहर जिले में तमाम लंबित मामलों का जल्द निपटारा करने के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. यह आयोजन 9 दिसंबर को किया जाएगा. इसको लेकर लोगों को जागरूक करने और शामिल होने के लिए जागरूकता वाहन चलाया जा रहा है. बुधवार को न्यायलय परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव व न्यायाधीश राम सूजान पांडे ने जागरूकता वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है.

9 दिसंबर को होगा आयोजन:मिली जानकारी के अनुसार, जिला विधिक प्राधिकार सेवा के अध्यक्ष व जिला व सत्र न्यायाधीश धर्मशील श्रीवास्तव के निर्देश के आलोक में जिला विधिक प्राधिकार के सचिव न्यायाधीश राम सूजान पांडे ने बताया कि 9 दिसंबर को इस साल का चौथा और अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. जिसको लेकर हर गांव मोहल्ले में जाकर यह जागरूकता वाहन प्रचार प्रसार करेगा.

शामिल होने के लिए कोई शुल्क नहीं:इस दौरान न्यायाधीश राम सूजान पांडे ने आम जनता से अपील कि है की राष्ट्रीय लोक अदालत में आकर सुलहनीये वादों को आपसी सुलह समझौते के साथ मामलों का निष्पादन करा लें. इसमें कोई शुल्क नहीं लगता और ना किसी की जीत और ना किसी की हार होती हैं. इसका आयोजन न्यायालयों में मुकदमे की भीड़ को कम करना और लोगों को त्वरित न्याय दिलाने की कार्रवाई की जाती है. दिवानी और फौजदारी मुकदमे में दोनों पक्षों के सहमति के बाद निर्णय लिया जाता है.

"9 दिसंबर को न्यायलय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. जहां लंबित मामलों पर सुनवाई की जाएगी. आप लोगों से आग्रह है कि यहां आकर सुलहनीये वादों को आपसी सुलह समझौते के साथ निष्पादन करा लें. इसमें कोई शुल्क नहीं लगता और ना किसी की जीत और ना किसी की हार होती हैं." - राम सूजान पांडे, न्यायाधीश.

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