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पंडुका पुल निर्माण के श्रेय को लेकर NDA में तकरार, ललन पासवान और छेदी पासवान आमने-सामने

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Published : Jun 18, 2020, 5:57 PM IST

रोहतास में पंडुका पुल निर्माण को लेकर घमासान छिड़ गया है. एनडीए के विधायक और सांसद के बीच जुबानी जंग छिड़ी दिख रही है.

ललन पासवान और छेदी पासवान
ललन पासवान और छेदी पासवान

रोहतास: चुनावी साल में रोहतास के पंडुका पुल निर्माण को लेकर एनडीए के सांसद और विधायक आमने-सामने आ गए हैं. दरअसल, जदयू विधायक ललन पासवान और भाजपा सांसद छेदी पासवान दोनों के बीच पंडुका पुल का श्रेय लेने को लेकर घमासान दिख रहा है. वे लगातार एक-दूसरे पर जुबानी हमला कर रहे हैं.

भाजपा सांसद छेदी पासवान पंडुका पुल निर्माण को अपनी मेहनत का फल बता रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ जदयू विधायक ललन पासवान का कहना है कि सांसद ने इस मामले में कुछ नहीं किया है. उन्होंने दर-दर भटक कर लोगों से मुलाताक करके इसे आकार दिलाया है. ये सब उनकी मेहनत का फल है.

देखें पूरी रिपोर्ट

दोनों थपथपा रहे अपनी पीठ
बता दें कि बिहार और झारखंड को जोड़ने वाली सोन नदी के ऊपर लगभग 400 करोड़ रुपये से अधिक की राशि से सड़क पुल का निर्माण होना है. केंद्र सरकार ने इसके लिए 345 करोड़ रुपये की राशि भी स्वीकृत कर दी है. ऐसे में भाजपा सांसद छेदी पासवान का कहना है कि केंद्र सरकार ने उनके प्रयास से इस पुल की स्वीकृति दी है.

ललन पासवान दे रहे यह दलील
वहीं, जदयू के चेनारी के विधायक ललन पासवान का कहना है कि वह इस पुल के लिए पिछले कई सालों से आंदोलन कर रहे थे. दर्जनों बार विधानसभा में यह मामला उठाया. इतना ही नहीं केंद्र सरकार के मंत्री नितिन गडकरी से भी उन्होंने कई बार मिलकर इसके लिए प्रयास किया है.

रोहतास में लगे पोस्टर

छेदी पासवान का तर्क
सांसद छेदी पासवान का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी के पहले शासनकाल में पीएम के विशेष पैकेज में इस योजना को स्वीकृति मिली थी. लेकिन बाद में इस योजना की राशि को भागलपुर के विक्रमशिला स्थान्तरित कर दिया गया था. सांसद ने बताया कि इंटरस्टेट कनेक्शन कोरिडोर के तहत उन्होंने इस पुल का अलग से स्वीकृति दिलवाई है, तब जाकर योजना स्वीकृत हुई है.

कोई लगा रहा पोस्टर तो कोई दिखा रहा कागज
बीजेपी सांसद छेदी पासवान शहर भर में बड़े-बड़े होर्डिंग लगवाकर पुल निर्माण का श्रेय लेते नजर आ रहे हैं. तो वहीं जदयू के विधायक कागजात दिखा रहे हैं. हालांकि अब तक पुल का शिलान्यास भी नहीं हुआ है. लेकिन इन दिनों सियासी गलियारे में चर्चा तेज है.

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