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पूर्णिया सेंट्रल जेल में कैदी की संदेहास्पद मौत, सवालों के घेरे में जेल प्रशासन

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Published : Mar 22, 2021, 10:56 PM IST

केनगर थाना क्षेत्र के गोकुलपुर पंचायत के वार्ड-11 स्थित गोकुलपुर गांव में रहने वाले जगदीश ऋषि के बेटे बेचन ऋषि की पूर्णिया सेंट्रल जेल में संदेहास्पद मौत हो गई. शराब के मामले में उसे 17 मार्च को जेल ले जाया गया था. घटना के बाद परिवार में मातम पसरा हुआ है.

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पूर्णिया: केनगर थाना क्षेत्र के गोकुलपुर पंचायत के वार्ड-11 स्थित गोकुलपुर गांव में रहने वाले जगदीश ऋषि के घर में उस वक्त मातम पसर गया. जब सोमवार सुबह पूर्णियां सेंट्रल जेल की सजा काट रहे उनके बेटे बेचन ऋषि की अकस्मात मौत की खबर आई. बेचन ऋषि देशी शराब मामले में बीते 17 मार्च से पूर्णिया सेंट्रल जेल की सजा काट रहा था. केंद्रीय कारा में बंद बेचन को सप्ताह भर भी नहीं गुजरे थे कि चौथे दिन उसकी मौत की खबर आना जेल प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर रहा है.

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सेंट्रल जेल में हुई बेचन ऋषि की संदेहास्पद मौत को लेकर जिला परिषद सदस्य शुनील मेहता व गोकुलपुर पंचायत के मुखिया नीरज कुमार मेहता ने बताया कि बीते 16 मार्च की शाम चुलाई देशी शराब मामले में केनगर थाना पुलिस ने बेचन ऋषि को गिरफ्तार कर अगले दिन जेल भेज दिया था. 17 मार्च से वह जेल में बंद था. वहीं सोमवार तड़के सुबह करीब 5.50 में अकस्मात सेंट्रल जेल से उसके मौत की खबर आई.

जेल प्रशासन ने दी बीमार होने की दलील
पूछने पर बेचन की मौत पर जेल प्रशासन ने दलील दी कि 21 मार्च को जेल में कैद जगदीश ऋषि की हालत बिगड़ गई थी. जिसके बाद उसे जेल प्रशासन की ओर से पूर्णिया सदर अस्पताल में एडमिट कराया गया था. जहां चिकित्सक ने उसकी नाजुक स्थिति को देखते हुए भागलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था. जहां इलाज के दौरान चिकित्सकों ने जगदीश ऋषि को मृत घोषित कर दिया था.

शव को लाया गया पैतृक गांव
वहीं उठते सवालों के बीच सूचना के फौरन बाद जिला परिषद सदस्य शुनील मेहता, मुखिया नीरज मेहता, समाज सेवी सुबोध मेहता, कदम लाल मेहता, कादरगंज के समाजसेवी सुबोध मेहता मृतक पुत्र रंजीत ऋषि के साथ भागलपुर मेडिकल कॉलेज पोस्टमार्टम कराने पंहुचे. जिसके बाद मृतक के शव को उसके पैतृक गांव लाया गया.

सवालों के घेरे में सेंट्रल जेल प्रशासन
जिगर के टुकड़े को कफन में लेटा देख मृतक के घर में मातम पसर गया. मृतक की आश्रित पत्नी नीरो देवी, मौसी मंजू देवी व परिवार के दूसरे सदस्य मृतक के पार्थिव शरीर से लिपटकर बिलखने लगे. उक्त घटना से जहां गांव में मातमी सन्नाटा छा गया है. वहीं ग्रामीण जगदीश की संदिग्ध मौत के बाद जेल प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं.

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