पूर्णियाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाधान यात्रा (Samadhan Yatra In Purnea) के दौरान शुक्रवार को पूर्णिया पहुंचे. यहां पर पत्रकारों ने उनसे उपेंद्र कुशवाहा के द्वारा लगाये जा रहे आरोपों के बारे में सवाल पूछा. इस बार नीतीश कुमार मंद मंद मुस्कुराते हुए सवाल का सीधे-सीधे जवाब देने से बचते रहे. उन्होंने कहा कि हमलोग जो काम करते हैं उसपर मीडिया में कहीं कोई चर्चा नहीं रहती है. सबेरे जब खबर देखते हैं तो जो हमलोगों के खिलाफ अंड-बंड-शंड बकता है वही छपा रहता है.
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"हमलोग जो काम करते हैं उसपर कहीं कोई चर्चा नहीं रहती है, लेकिन सबेरे सबेरे जब देखते हैं तो जो हमलोगों के खिलाफ अंड बंड शंड बकता है वही छपा रहता है. अरे कोई मतलब है जी. बार बार इच्छा प्रकट किया इसलिए शामिल करा लिया. फिर बोल रहा है जाएंगे. जो मर्जी हो हमलोगों को इसकी कोई चिंता नहीं. बोल रहा तो एलायनमेंट हो गया होगा"- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
किसी पार्टी से एलायमेंट हो गया होगाः मुख्यमंत्री ने उपेंद्र कुशवाहा के पार्टी में शामिल कराये जाने को लेकर कहा किसी ने बार बार इच्छा व्यक्त किया था तो शामिल करा लिया. अब कहीं जाने की तैयारी कर रहे हैं तो इसकी हमलोगों को कोई चिंता नहीं हो रहा है. उन्होंने भाजपा का नाम तो नहीं लिया लेकिन कहा कि किसी पार्टी से एलायनमेंट हो गया होगा, तो जा रहे हैं. विपक्ष को एकजुट करने के लिए कब निकलेंगे, इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले यहां का देख लेते हैं.
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पूर्णिया एयरपोर्ट सबसे पहले बनाया जाना थाः वहीं पूर्णिया में एयरपोर्ट निर्माण के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पूर्णिया का एयरपोर्ट सबसे पहले बन जाना था, लेकिन केंद्र सरकार क्यों नहीं बनवा रही है यह आश्चर्य की बात है. 2017 से पूर्णिया एयरपोर्ट को लेकर कई बैठकें हुई. सुरक्षा से लेकर रास्ता देने तक के लिए राज्य सरकार हमेशा तैयार रही है, बावजूद इसके पूर्णिया में एयरपोर्ट का निर्माण नहीं हुआ है.
विकास वैभव के ट्वीट पर नाराजगीः समाधान यात्रा पर पूर्णिया पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने आईपीएस विकास वैभव के मामले में बड़ा बयान दिया है. वरीय आईपीएस अधिकारी विकास वैभव के ट्वीट मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अधिकारियों को अपनी बात ट्विटर पर नहीं रखनी चाहिए. इसके लिए विभाग और वरीय अधिकारी हैं. यह गलत बात है. उन्हें अगर किसी बात से आपत्ति थी, तो विभाग के बड़े अधिकारी के बीच अपनी बात रखते. उन्होंने कहा कि एक अधिकारी के द्वारा सोशल मीडिया पर इस तरह की चीजों को सार्वजनिक करना गलत है. इसकी जांच के निर्देश दिए गए हैं.