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'पिता सेवानिवृत शिक्षक थे, उनकी मौत के बाद मां को पेंशन नहीं मिल रही.. हाईकोर्ट का आदेश भी बेअसर'

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Published : Nov 14, 2022, 2:09 PM IST

जनता दरबार में शिकायत सुनाते फरियादी

जनता दरबार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar in Janta Darbar) आज फिर से फरियादियों की शिकायत सुन रहे हैं और उसका निपटारा कर रहे हैं. समस्तीपुर से आए एक फरियादी ने सीएम से कहा कि उसके पिताजी सेवा निवृत शिक्षक थे. उनकी मृत्यु के बाद से मां को पेंशन मिलना बंद हो गई. पढ़ें पूरी खबर.

पटना:राजधानी पटना में सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने जनता दरबार में फरियादियों की शिकायतें सुनी और उसका निपटारा किया. इसी क्रम में समस्तीपुर जिला से आए एक फरियादी ने सीएम से कहा कि उसके पिताजी सेवा निवृत शिक्षक थे. उनकी मृत्यु के बाद से पेंशन बंद हो गई. पटना हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी अबतक पेंशन चालू नहीं हुआ है. सीएम ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को समस्या का निपटारा करने का निर्देश दिया.

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पेंशन नहीं मिलने की शिकायत: समस्तीपुर से आए फरियादी ने कहा कि "सर मेरे पिता मॉडल उच्च विद्यालय समस्तीपुर के 2009 के सेवा निवृत शिक्षक थे. उनका देहांत 18-12-2016 को हो गया. तब से विभाग ने पेंशन बंद कर दिया. मेरे पिताजी की दो शादियां थी, जिसमें पहली पत्नी से कोई संतान नहीं था, जबकि दूसरी शादी से हम सभी 6 भाई बहन हैं. माननीय पटना उच्च न्यायालय ने सीडब्ल्यूजेसी के आलोक में हम सभी भाई बहनों को पेंशन देने का आदेश दिया. जिला शिक्षा पदाधिकारी दो साल विलंब करते हुए फरवरी 2022 में आदेश दिया. मामला अब अकाउंटेंट जेनरल पटना के पास है, जो बात तक नहीं सुनता है. दो बार आवेदन दिया हूं. अभी तक पेंशन चालू नहीं हुआ है."

जनता दरबार में बरती जा रही एहतियात: जनता दरबार में आज भी सीमित संख्या में ही लोगों को बुलाया गया है. जनता दरबार में कोविड को लेकर अभी भी एहतियात बरती जा रही है. जनता दरबार में सभी विभागों के मंत्री और पदाधिकारी भी मौजूद है. सीएम आने वाले फरियादियों की समस्याओं को सुनकर तुरंत उसका निपटारा कर रहे हैं.

सीएम सुन रहे शिक्षा, स्वास्थ्य सहित कई विभागों की फरियाद:बता दें कि जनता दरबार में आज सीएम स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग, कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग श्रम संसाधन विभाग एवं सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित मामलों की शिकायत सुन रहे हैं.

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