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अटल स्मृति: जब वाजपेयी ने चुनाव के वक्त कहा था, 'मुझे 54 में चौबे चाहिए'

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Published : Aug 16, 2020, 10:19 AM IST

Updated : Aug 16, 2020, 11:02 AM IST

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्‍म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था. 1996 से लेकर 2004 तक वे तीन बार प्रधानमंत्री बने. बिहार से उनका खास लगाव था. जब भी चुनाव का प्रचार करने आते थे, शुरुआत बक्सर से ही करते थे.

When Atal Bihari Vajpayee said I want chaubey in 54
When Atal Bihari Vajpayee said I want chaubey in 54

पटना:पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दूसरी पुण्यतिथि पर देश उनको याद कर रहा है. तमाम जगहों पर श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की जा रही हैं. बिहार से अटल बिहारी वाजपेयी का गहरा लगाव था. कुछ नेता उनके परम प्रिय थे और वो जब भी बिहार आते थे तो अपने चहेते नेताओं के घर पर आराम जरूर करते थे.

फाइल फोटो

वर्तमान में सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद चौरसिया का आवास अटल बिहारी वाजपेयी का ठिकाना हुआ करता था. वो जब भी पटना आते थे तो गंगा प्रसाद चौरसिया के आवास पर ही ठहरते थे. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के लिए व्यक्तिगत रिश्ते भी मायने रखते थे. वो उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के विवाह कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे. उसके बाद गंगा प्रसाद चौरसिया के बेटे संजीव चौरसिया के रिसेप्शन पार्टी में भी पहुंचकर उन्होंने वर-वधू को आशीर्वाद दिया था.

अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व प्रधानमंत्री

'लाल मुनि चौबे थे खास'
इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का लगाव स्वर्गीय लाल मुनि चौबे के साथ भी था. चौबे अटल बिहारी वाजपेयी के बेहद खास थे. वाजपेयी बिहार में चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत लाल मुनि चौबे के संसदीय क्षेत्र बक्सर से करते थे. वो बिहार में लोकसभा चुनाव में एक सीट पर वीटो लगाते थे, वो नाम था लाल मुनि चौबे का. एक बार तो उन्होंने कहा था कि मुझे 54 में चौबे चाहिए. यहां ये बता दें कि एकीकृत बिहार में तब लोकसभा की 54 सीटें हुआ करती थी, झारखंड गठन के बाद 40 सीटें रह गई हैं. लाल मुनि चौबे के बेटे शिशिर चौबे ने इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री को याद करते हुए कहा कि उन्हें पूर्व पीएम की गोद में खेलने का भी मौका मिला है. वो पल मेरे लिए अविस्मरणीय है. मुझे भी अटल बिहारी वाजपेयी का स्नेह प्राप्त हुआ है. वहीं, शिशिर चौबे ने एक वाक्या सुनाया.

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'बड़ी ही आत्मीयता से कार्यकर्ताओं से मिलते थे'
अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि के मौके पर उनको याद कर भावुक होते हुए गंगा प्रसाद चौरसिया के बेटे और विधायक संजीव चौरसिया ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि वाजपेयी जी जब भी पटना आते थे तो हमारे आवास पर ठहरते थे. वो बिल्कुल परिवार के सदस्य की तरह रहते थे. गर्म और फूली रोटी के साथ सब्जी उन्हें बेहद पसंद था. कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ बड़े ही आत्मीय तरीके से वो मिलते थे.

फाइल फोटो

कौन थे लालमुनि चौबे?

लालमुनि चौबे 1972 में बिहार विधानसभा में चैनपुर से चुनकर आए और जनसंघ विधायक दल के नेता बने. बाद में 1977 में बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बने. चार बार विधायक और चार बार बक्सर से सांसद रहे.

Last Updated :Aug 16, 2020, 11:02 AM IST

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