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Caste Census Report : उपेंद्र कुशवाहा ने बताया था संदिग्ध, उनकी ही जानकारी सार्वजनिक कर JDU ने दिया जवाब

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 4, 2023, 5:55 PM IST

बिहार में जातिगत जनगणना की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद से हर रोज नए विवाद खड़े हो रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने जातिगत जनगणना की रिपोर्ट पर सवाल उठाए तो जदयू की ओर से उनकी निजी जानकारी को सार्वजनिक कर गणना किये जाने का सबूत पेश किया. जिसके बाद भाजपा ने विरोध जताते हुए नियम का उल्लंघन बताया. पढ़िये विस्तार से.

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नीरज कुमार, जदयू के मुख्य प्रवक्ता.

पटनाः बिहार में दो अक्टूबर को जातिगत गणना की रिपोर्ट जारी की गयी थी. इसके बाद से सियासी बयानबाजी जारी है. राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने इस रिपोर्ट के सही होने पर आशंका जाहिर की थी. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि उनके यहां भी कोई भी गणना करने नहीं आया था. कुशवाहा के इन आरोपों का जदयू ने उनकी जानकारी सार्वजनिक करके दिया. जिसके बाद फिर से राजनीतिक बवाल मच गया.

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जदयू ने कुशवाहा की जानकारी साझा कीः उपेंद्र कुशवाहा के आरोपों पर जदयू बौखला गया. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने मोर्चा संभाल लिया. जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा पर पलटवार करते हुए कहा कि जातिगत जनगणना की रिपोर्ट के अंदर कोई त्रुटि नहीं है. नीरज कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा के घर जाकर गणना की गई थी उसका सबूत पेश करते हुए उनकी तमाम जानकारियों को साझा किया.

"जातिगत गणना की रिपोर्ट में कोई त्रुटि नहीं है. उपेंद्र कुशवाहा जी आपकी भी गणना की गई है और मैं तमाम जानकारी आपके साथ साझा कर रहा हूं."- नीरज कुमार, जदयू के मुख्य प्रवक्ता


भाजपा ने नीतीश से मांगे जवाबः भाजपा ने नीतीश सरकार से सवाल किया और पूछा कि गोपनीय जानकारी को किन परिस्थितियों में सार्वजनिक किया गया. भाजपा विधायक नितिन नवीन ने कहा है कि नीतीश कुमार को यह जवाब देना चाहिए कि जातिगत जनगणना की रिपोर्ट जदयू दफ्तर से जारी होगी या फिर सरकार के स्तर से जारी होगी. किन परिस्थितियों में उपेंद्र कुशवाहा की निजी जानकारी को सार्वजनिक किया गया सरकार को यह बताना चाहिए.

क्या कहा था उपेंद्र कुशवाहा नेःउपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि जो रिपोर्ट जारी की गयी है उसे लोग शंका की दृष्टि से देख रहे हैं. जातीय गणना में भारी गड़बड़ी हुई है. कई लोगों ने शिकायत की है कि उनसे कभी जाति पूछने के लिए कोई नहीं आया, तो फिर किस आधार पर सरकार ने जातीय गणना करवाया है. हमें पता नहीं चल रहा है.

बिहार में जातिगत गणना का आंकड़ा जारीः सोमवार को पटना में प्रेस कांफ्रेंस में प्रभारी मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने इसकी जानकारी दी. विभागीय जानकारी के अनुसार 215 जातियों का आंकड़ा जारी कर दिया गया है. सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी से थोड़ी ज्यादा अनुसूचित जाति और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति बताई गई है. जातीय गणना में बिहार की कुल आबादी 13, 01725310 है.

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