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Bihar Shikshak Niyojan: शिक्षक नियमावली के खिलाफ सड़क पर उतरे शिक्षक, निकाला प्रतिरोध मार्च

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Published : May 20, 2023, 2:30 PM IST

नई शिक्षक नियमावली और राज्यकर्मी का दर्जा के लिए परीक्षा के विरोध में माध्यमिक शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षकों ने प्रतिरोध मार्च निकाला. शिक्षकों ने नई नियमावली को वापस लेने की मांग की. पढ़ें पूरी खबर..

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शिक्षकों ने निकाला प्रतिरोध मार्च

पटनाः बिहार की राजधानी पटना में नियोजित शिक्षक नई शिक्षक भर्ती नियमावली के खिलाफ सड़को पर उतरे और विरोध मार्च निकाला. बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के बैनर तले पटना में हजारों की तादाद में शिक्षक सड़कों पर उतर आए हैं और प्रतिरोध मार्च निकालते हुए नई शिक्षक नियमावली को वापस लेने की मांग की. शिक्षकों का कहना है कि कई परीक्षाओं को क्वालीफाई करने के बाद शिक्षक बने है.

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हर बार परीक्षा लेने का विरोध: विरोध कर रहे शिक्षकों का कहना है कि टीचर बनने के बाद भी दक्षता परीक्षा क्वालीफाई की और अब एक बार फिर से राज्य कर्मी बनने के लिए परीक्षा देने का सरकार ने निर्णय लिया है. इसका हमलोग विरोध कर रहे हैं. महागठबंधन सरकार ने चुनाव के समय वादा भी किया था. सरकार में आते ही सारी बातें भूलकर कुछ से कुछ किया जा रहा है. प्रदर्शन कर रहे शिक्षक सुनील कुमार का कहना है कि सरकार हमारे साथ अन्याय कर रही है. पूरे देश में कहीं भी ऐसा नहीं है कि शिक्षकों को बार-बार परीक्षा देना पड़े.

"सरकार हमारे साथ अन्याय कर रही है. पूरे देश में कहीं भी ऐसा नहीं है कि शिक्षकों को बार-बार परीक्षा देना पड़े. नई शिक्षक नियमावली का हमलोग विरोध कर रहे हैं और सरकार को इसे वापस करना चाहिए"- सुनील कुमार, शिक्षक

जारी रहेगी लड़ाई:सुनील ने कहा कि नई शिक्षक नियमावली का हमलोग विरोध कर रहे हैं और सरकार को इसे वापस करना चाहिए. आप देखिए राज्यकर्मी बनने के लिए क्या कुछ गाइड लाइन बनाया गया है. वहीं प्रदर्शन कर रही निशा परवेज कहती हैं कि कई साल से हम नौकरी कर रहे हैं. आज तक राज्यकर्मी नहीं बने और जब समय आया है तो शर्तें थोप दी गई हैं, जो हमे मंजूर नहीं है. इसका विरोध हम तब तक करते रहेंगे, जब तक सरकार इस नियम में बदलाव नहीं करती. हमारी लड़ाई जारी रहेगी.

"कई साल से हम नौकरी कर रहे हैं. आज तक राज्यकर्मी नहीं बने और जब समय आया है तो शर्तें थोप दी गई हैं, जो हमे मंजूर नहीं है. इसका विरोध हम तब तक करते रहेंगे, जब तक सरकार इस नियम में बदलाव नहीं करती. हमारी लड़ाई जारी रहेगी"- निशा परवेज, माध्यमिक शिक्षक

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