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नीतीश के मंत्री विजेंद्र यादव ने तेजस्वी यादव को पत्र लिखकर दिया जवाब

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Published : May 21, 2021, 8:03 AM IST

तेजस्वी यादव के सीएम नीतीश कुमार को लिखे गए पत्र का जवाब ऊर्जा विभाग और योजना विकास विभाग के मंत्री विजेंद्र यादव ने दिया है. उन्होंने तीन पन्नों में पत्र लिखकर तेजस्वी यादव को जवाब दिया है. साथ ही उन्होंने पत्र में आशा जताते हुए कहा, कोरोना महामारी से प्रभावकारी ढंग से लड़ने हेतु किये जा रहे उपरोक्त कार्यों में आपका सक्रिय सहयोग सरकार को प्राप्त होगा.

वीजेन्द्र यादव और तेजस्वी
वीजेन्द्र यादव और तेजस्वी

पटनाः कोरोना संकटकाल में बिहार में सियासत तेज है. तेजस्वी यादव लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भेजकर कई मुद्दे पर निशाना साध रहे हैं. यह भी आरोप लगा रहे हैं कि किसी पत्र का मुख्यमंत्री जवाब भी नहीं दे रहे हैं. तेजस्वी यादव ने विधान मंडल सदस्यों के निधि फंड को लेकर सवाल खड़ा किया है और नीतीश कुमार को पत्र लिखकर जवाब भी मांगा. 5 मई को तेजस्वी यादव ने पत्र लिखा था, इसका जवाब नीतीश कुमार के सबसे वरिष्ठ मंत्री विजेंद्र यादव ने पत्र लिखकर दिया है. विजेंद्र यादव ऊर्जा विभाग के साथ योजना विकास विभाग के मंत्री हैं.

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वरिष्ठ मंत्री विजेंद्र यादव ने पत्र के माध्यम से दिया जवाब

प्रिय श्री तेजस्वी प्रसाद यादव जी,

1. माननीय मुख्यमंत्री को संबोधित आपका पत्रांक 273 दिनांक 05.05.2021 प्राप्त हुआ. आपने इस पत्र में मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत राज्य स्तर पर बजट में प्रावधानित राशि में से कोरोना महामारी के प्रसार की रोकथाम एवं उपचार हेतु स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत गठित कोरोना उन्मूलन कोष में राशि हस्तान्तरित करने के निर्णय के संबंध में कुछ बिन्दु उठाए हैं. अतः उन बिन्दुओं पर निम्न प्रकार स्थिति स्पष्ट की जा रही है.

मंत्री विजेंद्र यादव ने लिखा पत्र

2. मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना की संशोधित मार्गदर्शिका 2014 के अनुसार इस योजना का उद्देश्य शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संतुलित क्षेत्रीय विकास लाने के लिए आधारभूत संरचनाओं का विकास है. इस योजना के लिए राशि का प्रावधान राज्य स्तर पर योजना एवं विकास विभाग के बजट में किया जाता है. यह योजना अपने वर्तमान स्वरूप में पूर्व में चलायी गयी विधायक ऐच्छिक कोष योजना से भिन्न है. विधानमंडल के माननीय सदस्यगण इस योजनांतर्गत किये जाने वाले आवश्यक कार्यों के बारे में सरकार को मात्र अपनी अनुशंसा प्रेषित कर सकते हैं. अतः स्पष्ट है कि विधानमंडल के माननीय सदस्यगण की अनुशंसाओं पर ही सम्पूर्ण राशि का व्यय करने का प्रावधान एवं बाध्यता नियमों में नहीं है. इस विषय में सरकार का निर्णय ही अंतिम होता है.

3. मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना से दो करोड़ रुपये प्रति विधानमंडल सदस्य की दर से सामंजित कर कोरोना उन्मूलन कोष में हस्तान्तरित करने के पश्चात्भी एक करोड़ रुपये प्रति विधानमंडल सदस्य की राशि उपलब्ध है जिसके अन्तर्गत विधानमंडल सदस्यगण अपनी अनुशंसा कर सकते हैं. अतः इस बात को समझना होगा कि तीन करोड़ रुपये की सम्पूर्ण राशि की योजनाओं के लिए अनुशंसा करने का कोई विशेषाधिकार सदस्यों को नहीं है. इस बिन्दु पर कोई आपत्ति भी नहीं की जानी चाहिए. जब एक करोड़ रुपये की राशि से अनुशंसा करने का विकल्प माननीय सदस्यगण को उपलब्ध करा ही दिया गया है, तो इस प्रसंग में किसी प्रकार की शिकायत करने का औचित्य कदापि नहीं है. क्योंकि राज्य सरकार ने कोरोना की स्थिति को देखते हुए समुचित सोच-विचार कर जनहित में निर्णय लिया है.

4. कोविड को महामारी पर नियंत्रण हेतु आवश्यक उपकरण एवं सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है. राज्य के विभिन्न जिलों में वर्तमान समय में चिकित्सा महाविद्यालयों तथा जिला/अनुमंडल/प्रखंड स्तरीय अस्पतालों में अलग-अलग प्रकार की चिकित्सा सुविधाएं एवं उपकरण उपलब्ध कराने की आवश्यकता है. जिलों में कोविड रोग के प्रसार एवं गंभीरता की स्थिति भी अलग-अलग है. अतः कोविड की महामारी से लड़ने हेतु किस जिले में कौन सी आवश्यकताएं है. इसका निर्णय एवं आवश्यकताओं की पूर्ति स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत गठित कोरोना उन्मूलन कोष से केन्द्रीयकृत ढंग से ही करना संभव एवं व्यवहारिक है. तथा इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु कोरोना उन्मूलन कोष का गठन किया गया है.

मंत्री विजेंद्र यादव ने लिखा पत्र

5. यह कथन सत्य नहीं है कि कोरोना महामारी के पहले चरण वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना की निधि से ली गयी राशि का सदुपयोग नहीं हुआ है. वास्तव में महामारी के पहले चरण में मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना मद से 181.4194 करोड़ रुपये की राशि कोरोना उन्मूलन कोष में हस्तान्तरित की गयी थी जिसके विरुद्ध 179.963 करोड़ रुपये का व्यय किया गया है. इन स्वीकृत योजनाओं से विभिन्न जिलों एवं चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों में 50.0489 करोड़ रुपये से आवश्यक सुविधाएं एवं उपकरण उपलब्ध कराया गया है. इसके अतिरिक्त 13.9865 करोड़ रुपये की लागत से ऑक्सीजन गैस भंडारण हेतु टंकी भी लगायी गयी है. विभिन्न जिला पदाधिकारियों के माध्यम से 29,8806 करोड़ रुपये की राशि कोरोना महामारी से लड़ने हेतु खर्च की गयी है. अस्सी करोड़ रुपये की राशि बिहार चिकित्सा आधारभूत संरचना निगम के माध्यम से खर्च की गयी है. शव वाहनों का क्रय 273 करोड़ रुपये से किया गया है. कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल, बिहटा को 23,659 करोड़ रुपये की राशि दी गयी है.

6. जहां तक विधानमंडल के माननीय सदस्यों की अनुशंसा पर स्वास्थ्य संरचना, दवाओं एवं उपकरणों का क्रय जिला प्रशासन के माध्यम से कराने का प्रश्न है. यह विकल्प भी विधानमंडल के सदस्यों को उपलब्ध करा दिया गया है. योजना एवं विकास विभाग के संकल्प संख्या 1484 दिनांक 03.05.2021 के द्वारा "कोरोना महामारी के प्रसार की रोकथाम एवं चिकित्सा से संबंधित सामग्री एवं उपकरण' की योजना का मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका में सम्मिलित किया गया है.

मंत्री विजेंद्र यादव ने लिखा पत्र

7. अतः स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजनांतर्गत अधिकतम एक करोड़ रुपये तक की राशि से वर्तमान वित्तीय वर्ष में विधानमंडल के सदस्यगण कोरीना के प्रसार की रोकथाम एवं चिकित्सा से संबंधित सामग्री एवं उपकरण हेतु भी अनुशंसा कर सकते है जिसके संबंध में स्वास्थ्य विमाग के संकल्प संख्या 28(10) स्वा० पटना, दिनांक 08.05.2021 (छाया प्रति संलग्न) के माध्यम से विस्तृत दिशा-निर्देश सभी जिला पदाधिकारी एवं अन्य संबंधित को दिया गया है. आशा की जाती है कि कोरोना महामारी से प्रभावकारी ढंग से लड़ने हेतु किये जा रहे उपरोक्त कार्यों में आपका सक्रिय सहयोग सरकार को प्राप्त होगा.

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तीन पन्नों का भेजा है पत्र
विजेंद्र यादव ने 3 पन्नों का पत्र तेजस्वी को भेजा है. जिसमें विधान मंडल सदस्यों के निधि लेने के पीछे सरकार की मंशा और पिछले साल जो राशि ली गई, वह किस प्रकार से खर्च हुई उसके बारे में भी जिक्र किया है. विजेंद्र यादव ने यह भी कहां है कि दो करोड़ की राशि ही सरकार ने ली है. एक करोड़ अभी भी सदस्य खर्च कर सकते हैं.

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