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Caste Census Report: भाजपा ना खुलकर स्वागत ही कर पा रही है ना ही विरोध, वजह जानिये

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 2, 2023, 8:41 PM IST

जातिगत जनगणना की मुहिम बिहार से शुरू हुई थी. दोनों सदनों से जिस वक्त प्रस्ताव पारित हुआ था उस समय बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार थी. ऐसे में भाजपा नेता इस पर बयान देने में सावधानी बरत रहे हैं. सम्राट चौधरी ने इसका स्वागत किया है, वहीं रिपोर्ट का अध्ययन करने की भी बात कर रहे हैं. मतलब साफ है वो इस मुद्दे पर महागठबंधन को घरने की तैयारी में जल्दीबाजी नहीं करना चाहते. पढ़ें, विस्तार से.

जातिगत जनगणना
जातिगत जनगणना

जातिगत गणना रिपोर्ट पर भाजपा की क्या है तैयारी.

पटना: राजधानी पटना में आज सोमवार 2 अक्टूबर को जातीय गणना की रिपोर्ट जारी कर दी गयी. इस रिपोर्ट के आने के बाद बिहार में राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गयी. महागठबंधन के नेताओं का उत्साह सातवें आसमान पर है. महागठबंधन के नेता जातीय गणना का श्रेय ले रहे हैं. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री जो कहते हैं वो करते हैं. इतना ही नहीं महागठबंधन के नेता अब केंद्र में सरकार बनने के बाद पूरे देश में जातीय गणना कराने की बात कह रहे हैं. भाजपा आगे की रणनीति बनाने में जुटी है.

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महागठबंधन नेताओं में श्रेय लेने की होड़ः राष्ट्रीय जनता दल क्रेडिट लेने की होड़ में सबसे आगे है. तेजस्वी यादव ने कहा कि लालू प्रसाद यादव और उनके प्रयासों से जातिगत जनगणना की मुहिम आज इस मुकाम तक पहुंच पायी है. वहीं जेडीयू नेता भी क्रेडिट लेने में जुटे हैं. जातीय गणना को लेकर जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री जो कहते हैं सो करते हैं. जदयू के जहानाबाद के सांसद चंदेश्वर सिंह चंद्रवंशी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जातीय गणना करने का वादा किया था और आज उसकी रिपोर्ट भी जारी हो गई है.

"सरकार को अब सुनिश्चित करना चाहिए कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी हो. केंद्र में 2024 में जब हमारी सरकार बनेगी तब पूरे देश में जातिगत जनगणना करवायेंगे. दलित, मुस्लिम, पिछड़ा और अति पिछड़ा विरोधी भाजपा को सता से बेदखल करेंगे"- लालू यादव, आरजेडी सुप्रीमो

भाजपा बना रही रणनीतिः भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि जातिगत जनगणना का हम लोगों ने समर्थन किया था. बिहार में जातिगत गणना के बाद रिपोर्ट प्रकाशित हुए जिसका स्वागत करते हैं. लेकिन अध्ययन करने के बाद ही पार्टी के स्तर पर कुछ बयान दिया जाएगा. राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि एनडीए की सरकार जब थी तब जातिगत जनगणना के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी. जातिगत जनगणना के मसले पर कुछ भी आधिकारिक बयान पार्टी की तरफ से तभी दी जाएगी जब रिपोर्ट का अध्ययन कर लिया जाएगा.

बिहार में जातिगत गणना का आंकड़ा जारीः सोमवार को पटना में प्रेस कांफ्रेंस में प्रभारी मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने इसकी जानकारी दी. विभागीय जानकारी के अनुसार 215 जातियों का आंकड़ा जारी कर दिया गया है. सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी से थोड़ी ज्यादा अनुसूचित जाति और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति बताई गई है. जातीय गणना में बिहार की कुल आबादी 13, 01725310 है.

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