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CAB पर बढ़ सकती है नीतीश कुमार और pk की दूरियां! JDU में फूट पर RJD ने भी ली चुटकी

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Published : Dec 12, 2019, 1:42 PM IST

प्रशांत किशोर के ट्वीट के बाद राजनीतिक गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. आरजेडी के नेता तो यहां तक कह रहे हैं कि नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच अब अच्छे संबंध नहीं रहे. हालांकि जेडीयू का कहना है कि कुछ मुद्दों के कारण नीतीश कुमार से उनकी दूरियां बढ़ने वाली नहीं है.

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JDU की फूट पर RJD ने ली चुटकी

पटना: नागरिकता संशोधन विधेयक, लोकसभा के बाद अब राज्यसभा से भी पास हो गया है. नागरिकता विधेयक को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिल गई है. लेकिन इसे लेकर अभी भी राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है. जदयू ने इस बिल का समर्थन जरूर किया है, लेकिन पार्टी के अंदर बिल को लेकर एक राय नहीं बन पा रही है. प्रशांत किशोर के ट्वीट के बाद राजनीतिक गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. आरजेडी के नेता तो यहां तक कह रहे हैं कि नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच अब अच्छे संबंध नहीं रहे.

नागरिकता विधेयक पर बढ़ सकती हैं PK और नीतीश कुमार की दूरियां

आरजेडी के वरिष्ठ नेता तनवीर हसन का कहना है कि नीतीश कुमार ने ये कहकर लोगों को बरगला रखा था कि एनडीए में रहने के बावजूद वो कई मुद्दों पर अपनी अगल राय रखेंगे. लेकिन उनके इस फैसले से लोगों को ठेस पहुंची है. प्रशांत किशोर भी उन्हीं में से एक हैं और लगातार प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार के बीच दूरी बढ़ रही है. तनवीर हसन का ये भी कहना है कि प्रशांत किशोर हमारी पार्टी के नेता से भी मिलते रहे हैं, तो हमारे साथ भी उनके अच्छे संबंध हैं.

पेश है रिपोर्ट

जदयू नेता का बयान
इधर, जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल का कहना है जो लोग पार्टी के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं उन्हें पार्टी नेतृत्व के साथ में बैठकर मामला सुलझा लेना चाहिए. प्रशांत किशोर की नाराजगी पर जदयू प्रवक्ता का कहना है कि कुछ मुद्दों के कारण नीतीश कुमार से उनकी दूरियां बढ़ने वाली नहीं है.

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'नीतीश कुमार और PK के बीच दूरी बढ़ने की खबर अफवाह'
गौरतलब है कि पहले भी प्रशांत किशोर के साथ नीतीश कुमार के बीच दूरी बढ़ने को लेकर चर्चा थी. लेकिन दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी और पटना में पार्टी की बैठक में नीतीश कुमार ने इन अफवाहों पर प्रशांत किशोर के माध्यम से ही विराम लगवाया था. अब नागरिकता संशोधन बिल पर फिर नीतीश और प्रशांत किशोर के बीच दूरी बढ़ने की चर्चा शुरू है.

Intro:पटना-- जदयू में नागरिकता संशोधन बिल को लेकर एक राय नहीं बन पायी और पार्टी में इस पर कई नेता विरोध कर रहे हैं। पार्टी के फैसले का पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर सबसे पहले विरोध का बिगुल फूंका था ट्वीट कर नीतीश कुमार के फैसले पर सवाल खड़ा किया था दोनों सदनों से पास होने के बाद भी प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जताई प्रशांत किशोर के इस रवैए पर राजनीतिक हलकों में कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार से प्रशांत किशोर की दूरी लगातार बढ़ रही है आरजेडी के नेता तो यहां तक कह रहे हैं कि उनके नेताओं से भी पीके के अच्छे संबंध रहे हैं।
पेश है रिपोर्ट--



Body:प्रशांत किशोर जब पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने थे तब उन्होंने कहा था कि बिहार में लंबे समय तक रहूंगा लेकिन 1 साल के अंदर ही पार्टी फैसलों से नाराज होकर बिहार से चले गए लोकसभा चुनाव में भी प्रशांत किशोर ने अपनी कोई भूमिका नहीं निभाई चुनाव के दौरान बिहार नहीं आए और अभी पटना विश्वविद्यालय चुनाव में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई झारखंड चुनाव में मोर्चा संभालने की चर्चा थी लेकिन कोई बड़ी भूमिका झारखंड चुनाव में भी नहीं दिखाया और अब नागरिकता संशोधन बिल के मुद्दे पर तो खुलकर ट्वीट के माध्यम से नीतीश कुमार के फैसले पर सवाल खड़ा कर रहे हैं प्रशांत किशोर के विरोध के कारण पार्टी के कई नेताओं ने भी अब विरोध शुरू कर दिया है।
आरजेडी के वरिष्ठ नेता तनवीर हसन का कहना है कि नीतीश कुमार ने यह कहकर लोगों को बरगला रखा था कि nda में रहने के बावजूद कई मुद्दों पर मेरा अपना मत है लेकिन उनके फैसले से लोगों को धक्का लगा है प्रशांत किशोर भी उन्हीं में से एक है और लगातार प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार के बीच दूरी बढ़ रही है तनवीर हसन का यह भी कहना है कि प्रशांत किशोर हमारे पार्टी के नेता से भी मिलते रहे हैं तो हमारे साथ भी उनका अच्छा संबंध रहा है।
बाईट- तनवीर हसन वरिष्ठ नेता आरजेडी
जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल का कहना है कुछ लोगों का जो विरोध है पार्टी नेतृत्व के साथ में बैठकर सुलझा लेना चाहिए प्रशांत किशोर की नाराजगी पर जदयू प्रवक्ता का कहना है कि कुछ मुद्दों के कारण नीतीश कुमार से उनकी दूरियां बढ़ने वाली नहीं है।
बाईट-- निखिल मंडल प्रवक्ता जेडीयू


Conclusion:प्रशांत किशोर देश के बड़े चुनावी रणनीतिकार हैं नरेंद्र मोदी को लंबे मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री बनाने में जो उनकी भूमिका है किसी से छिपी नहीं है पंजाब हैदराबाद और उससे पहले बिहार में उन्होंने सरकार बनाने में अपनी चुनावी रणनीति का उदाहरण दे चुके हैं और अभी बंगाल में ममता बनर्जी के लिए काम कर रहे हैं जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के बावजूद नीतीश कुमार के फैसलों पर इस तरह से प्रश्नचिन्ह खड़ा करना जदयू में उनके लिए लंबे समय तक बने रहना आसान नहीं लगता है देखना है नीतीश कुमार पूरे मामले पर क्या रवैया अपनाते हैं पहले भी प्रशांत किशोर के साथ नीतीश कुमार के बीच दूरी बढ़ने की चर्चा हुई थी लेकिन दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी और पटना में पार्टी की बैठक में नीतीश कुमार ने इन अफवाहों को प्रशांत किशोर के माध्यम से ही विराम लगवाया था । अब नागरिकता संशोधन बिल पर फिर नीतीश और पीके के बीच जुड़ी बढ़ने की चर्चा शुरू है।
अविनाश, पटना।

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