बिहार

bihar

Ram Vilas Paswan Birth Anniversary : रामविलास की जयंती पर चाचा-भतीजा करेंगे शक्ति प्रदर्शन

By

Published : Jul 5, 2023, 9:56 AM IST

Updated : Jul 5, 2023, 10:53 AM IST

आज पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की जयंती है. इस मौके पर एलजेपी के दोनों गुटों की ओर से कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. जयंती समारोह के बहाने चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग पासवान शक्ति प्रदर्शन भी करेंगे.

रामविलास पासवान की जयंती
रामविलास पासवान की जयंती

पटना:पद्म भूषण से सम्मानित एलजेपी संस्थापक रहे रामविलास पासवान की आज 77वीं जयंती है. आज का दिन एलजेपीआर और आरएलजेपी के लिए बेहद खास है. ऐसे में दोनों दलों की ओर से राजधानी पटना समेत बिहार के अलग-अलग जगहों पर समारोह का आयोजन किया जा रहा है. चाचा पारस पटना में रामविलास की जयंती मनाएंगे तो भतीजा चिराग हाजीपुर में जयंती मनाएंगे. रामविलास पासवान का जो सपना था, वह सपना कहीं ना कहीं आज टूट गया है. एक घर में दो जगह पर रामविलास की जयंती मनाई जा रही है.

ये भी पढ़ें: पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को मरणोपरांत मिला पद्म भूषण सम्मान, चिराग ने किया ग्रहण

पासवान के निधन के बाद परिवार में कलह:रामविलास अपने जीवन काल में अपने परिवार को एकजुट रखा था. परिवार के सभी लोगों के लिए सोचते थे लेकिन आज चिराग पासवान हाजीपुर में अपने पिता स्वर्गीय रामविलास पासवान का जयंती समारोह मनाएंगे. तो दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री और रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस पटना में रामविलास के जयंती पर याद करेंगे. सबसे बड़ी बात है कि रामविलास पासवान के रहते लोक जनशक्ति पार्टी के पूरी कमान रामविलास पासवान के पास थी लेकिन उनके निधन के बाद आज वर्चस्व की लड़ाई में पार्टी दो भागों में बंट गई.

चाचा-भतीजे में छत्तीस का आंकड़ा:आज स्थिति ऐसी है कि चाचा-भतीजा एक-दूसरे को देखना तक पसंद नहीं करते हैं. लगातार एक-दूसरे पर हमलावर रहते हैं. वर्चस्व की लड़ाई में रामविलास की जयंती चाचा भतीजा की तरफ से मनाई जा रही है. दमखम के साथ अपनी जिम्मेदारी भी लोगों को दिखाई जाएगी. रामविलास की जयंती को लेकर पटना से लेकर हाजीपुर तक पोस्टर से पाट दिया गया है. पोस्टर में भी दोनों गुटों की तरफ से लगाया गया है.

एलजेपी में दो फाड़:सबसे खास बात है कि रामविलास पासवान जीवित रहते हुए पार्टी की पूरी कमान चिराग पासवान को सौंप दी थी लेकिन शायद यह बात चाचा पशुपति पारस को रास नहीं आई. यही वजह थी कि रामविलास के निधन के बाद पारस पार्टी को कब्जे में लेकर पार्टी के सांसद को भी एकजुट करने में कामयाब रहे और चिराग पासवान अकेले हो गए. उसके बाद पार्टी की लड़ाई शुरू हुई और अब लोक जनशक्ति पार्टी दो भागों में बंट चुकी है.

हाजीपुर सीट पर होगी जोर-आजमाइश:पिछले कुछ समय से ये बात भी सामने आ रही है कि चिराग पासवान इस बार हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे. इस सीट से अभी पारस सांसद हैं, जबकि रामविलास पासवान इसी सीट से 8 बार सांसद रह चुके हैं. हाजीपुर से अगर चिराग चुनाव लड़ते हैं तो चाचा-भतीजा के बीच विवाद और गहरा सकता है. दोनों एनडीए में रहते हैं तो यह भी दिलचस्प होगा कि कौन वहां से उम्मीदवार होगा.

मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होंगे चिराग?: वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्रिमंडल में चिराग पासवान शामिल हो सकते हैं. ऐसी अटकले लगाई जा रही हैं. इसको लेकर के भी देखना बड़ी दिलचस्प होगा कि अगर केंद्रीय मंत्रिमंडल में चिराग पासवान शामिल होते हैं तो चाचा का क्या होगा. चाचा-भतीजा एक-दूसरे के सामने कैसे हाजीपुर सीट से दावेदारी ठोकते हैं.

चिराग ने किया पिता को याद

रामविलास पासवान की 77वीं जयंती:रामविलास पासवान का जन्म 5 जुलाई 1946 को बिहार के खगड़िया जिले के शहरबन्नी में हुआ था. उनके पिता का नाम जामुन पासवान और माता का नाम सिया देवी है. उनका निधन 8 अक्टूबर 2020 को लंबी बीमारी के बाद 74 वर्ष की उम्र में हो गया था.

रामविलास पासवान का राजनीतिक सफर:रामविलास पासवान पहली बार 1977 में हाजीपुर से लोकसभा सांसद बने थे. उसके बाद 1980, 1989, 1991, 1996, 1998, 1999, 2004 और 2014 में भी सांसद चुने गए. 2 बार राज्यसभा के भी सांसद रहे थे. वहीं 1969 में विधायक भी बने थे. वह कई सरकारों में केंद्रीय मंत्री रहे. साल 2000 में उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया था. हालांकि उनके निधन के बाद पार्टी दो भागों में बंट गई.

Last Updated :Jul 5, 2023, 10:53 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details