बिहार

bihar

बगैर कागजात देखे 12वीं की छात्रा को भेजा ऑब्जर्वेशन सेंटर, हाइकोर्ट सख्त

By

Published : Jul 23, 2021, 9:13 AM IST

पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने बच्चियों के उम्र निर्धारण में सावधानी नहीं बरतने को लेकर सख्त रुख अख्तियार किया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में बाढ़ एसीजेएम के एक आदेश को रद्द कर दिया है.

court
court

पटना:पटना हाईकोर्ट(Patna High Court) ने बच्चियों के उम्र निर्धारण में सावधानी नहीं बरतने को लेकर सख्त रुख अख्तियार किया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत द्वारा कागजातों पर सावधानी से विचार नहीं करने को गंभीरता से लिया. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद (Justice Rajiv Ranjan Prasad) ने मामले पर सुनवाई करते हुए एसीजेएम, बाढ़ के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें 17 वर्ष की युवती को ऑब्जर्वेशन सेंटर (Observation Center) भेजने का आदेश दिया था.

ये भी पढ़ें: अलग डिटेंशन सेंटर बनाने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से मांगा जवाब

कोर्ट ने जानना चाहा कि बगैर सही तरीके से कागजातों की जांच किए ऐसा आदेश क्यों दिया गया. कोर्ट ने इस आदेश की कॉपी चीफ जस्टिस के समक्ष रखने का निर्देश हाईकोर्ट प्रशासन को दिया है, ताकि इस मामले में न्यायिक पदाधिकारियों को उचित प्रशिक्षण दिया जाए. इस मामले में निचली अदालत के जज ने स्वयं माना कि युवती 12वीं कक्षा की छात्रा हैं. इसके बाद भी बगैर कागजात देखे उसे सत्रह वर्ष का बताकर ऑब्जर्वेशन सेंटर भेजने का आदेश दिया. हाईकोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत के आदेश को रद्द करते हुए लड़की को अपनी मर्जी के अनुसार कहीं भी रहने की छूट दी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details