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मुख्यमंत्री का जनता दरबार फिर होगा शुरू, DM-SSP ने लिया हॉल का जायजा

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Published : Jul 6, 2021, 4:01 PM IST

12 जुलाई से संभावित तौर पर शुरू होने वाले मुख्यमंत्री के जनता दरबार (CM Janata Darbar) को लेकर हलचल तेज हो गई है. एक तरफ जहां मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण (Chief Secretary Tripurari Sharan) ने मंगलवार को आला अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की. वहीं, डीएम और एसएसपी ने नए जनता दरबार हॉल का जायजा लिया.

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पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 12 जुलाई से एक बार फिर जनता दरबार (CM Janata Darbar) शुरू कर सकते हैं. जनता दरबार के लिए मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद के बगल में हॉल बनकर पूरी तरह से तैयार हो गया है. कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए हॉल की तैयारी की गई है. सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का ध्यान रखते हुए हॉल में चेयर लगाए गए हैं.

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जनता दरबार हॉल का जायजा
डीएम चंद्रशेखर सिंह (DM Chandra Shekhar Singh) और एसएसपी उपेंद्र शर्मा (SSP Upendra Sharma) ने मंगलवार को नए जनता दरबार हॉल का जायजा लिया. जिलाधिकारी ने कहा कि यहां कानून-व्यवस्था के साथ कोरोना गाइडलाइन का भी पालन हो, हम लोग उसी की व्यवस्था को देखने के लिए आए हैं.

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जनता दरबार होगा फिर शुरू
12 जुलाई से मुख्यमंत्री जनता दरबार शुरू हो सकता है. हालांकि अभी इसकी घोषणा नहीं हुई है, लेकिन जनता दरबार की तैयारियां बड़े पैमाने पर हो रही है. जनता दरबार के लिए मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद के ठीक बगल में हॉल और अन्य निर्माण किए गए हैं. जनता दरबार के लिए बड़ी संख्या में कुर्सियां भी मंगाई गई हैं.

जनता दरबार को लेकर बढ़ी हलचल
मुख्यमंत्री के जनता दरबार को लेकर कई महीनों से तैयारियां चल रही हैं. जनता दरबार ऐसे तो साल के शुरुआत में ही हो जाती है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण जनता दरबार शुरू नहीं हो सका था. अब जनता दरबार को लेकर फिर से हलचल बढ़ गई है. मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने उच्च स्तरीय बैठक में सभी अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पिछले दिनों निरीक्षण कर कई निर्देश जारी किए थे.

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5 साल से जनता दरबार बंद
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2016 में जनता दरबार बंद कर दिया था. उस समय मुख्यमंत्री ने कहा था कि लोक शिकायत अधिकार निवारण कानून के माध्यम से लोग अपनी समस्याओं का निदान कर सकते हैं. जनता दरबार की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद यह माना गया कि लोगों से मुख्यमंत्री की दूरियां बढ़ गई हैं. जिसका जदयू के रिजल्ट पर असर पड़ा है. उसी के बाद मुख्यमंत्री ने जनता दरबार शुरू करने का फैसला लिया.

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