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ANM का जज्बा: कमर तक पानी में घुसकर पार करती हैं बकरा नदी, जान जोखिम में डालकर करतीं हैं सेवा

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Published : Dec 5, 2022, 6:53 PM IST

Updated : Dec 5, 2022, 7:11 PM IST

अररिया के जोकीहाट पंचायत में एक एएनएम के काम की खूब चर्चा हो रही है. एएनएम अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जान बचाने के लिए रोजाना नदी में घुसकर उसपार पहुंचकर लोगों की सेवा करती है. उनके इस कर्तव्य निष्ठा को देखकर उनका नाम भी राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए भेजा जाएगा.

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अररिया: इंसान के अंदर काम करने का जज्बा हो तो वो बड़ी से बड़ी बाधा को यूं ही लांघ जाता है. अररिया की एक एएनएम कुछ-कुछ ऐसा ही रोजाना करती हैं. उनके जुनून के आगे नदी की धारा भी मुश्किलें खड़ी नहीं कर पातीं. वो रोजाना बकरा नदी को पार कर अपने काम को पूरी ईमानदारी और शिद्दत से करती हैं. बता दें कि एएनएम का नाम नीलम कुमारी (ANM Neelam Kumari) है जो कि जोकीहाट प्रखंड के मटियारी पंचायत के रहिकपुर HSC में कार्यरत हैं.

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काम के प्रति निष्ठा ने बनाया प्रेरणास्रोत: ANM नीलम कुमारी के पास वैक्सीनेशन, गर्भवती माता और बच्चों के देखभाल की जिम्मेदारी है. ड्यूटी को लेकर वो अपने क्षेत्र में हमेशा चर्चा का विषय बनी रही हैं. कमर भर पानी में घुसकर रोजाना लोगों को वैक्सीनेशन और अन्य मेडिकल सुविधाएं देने के लिए उनके घर तक पहुंचती हैं. ऐसा एक दो दिन नहीं समर्पित रूप से अपनी सेवा को अंजाम देतीं हैं. उनके सेवा भाव को देखकर ग्रामीण भी उनकी तारीफ किये बिना नहीं रहते. एक ग्रामीण ने बताया कि एएनएम नीलम कुमार अपनी ड्यूटी के प्रति बेहद ईमानदार हैं. चाहे कड़ाके की धूप हो या मूसलाधार बारिश अपनी ड्यूटी करने से वो पीछे नहीं हटतीं. लोग उनके काम को देखकर उनसे प्रेरणा लेते हैं.


'प्रोत्साहन मिलने से बढ़ता है उत्साह': एएनएम नीलम कुमारी ने बताया कि जोकीहाट के स्वास्थ्य सेंटर रहिकपुर एचएससी में कार्य करती हैं. वहां, माता व बच्चों के लिए अपना कार्य करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि पंचायत का हिस्सा बड़हुआ बकरा नदी के दूसरी ओर है. जब पानी अधिक होता है तो वैक्सीनेशन या दूसरे काम के लिए नाव के सहारे जाना पड़ता है. लेकिन जैसे-जैसे बकरा नदी में पानी कम होता जाता है, वैसे-वैसे नाम नाव का परिचालन लगभग बंद हो जाता है. ऐसे में हम पर वैक्सीनेशन करने की बड़ी जिम्मेदारी होती है. इसलिए बकरा नदी में कमर तक पानी में ही चलकर दूसरी ओर जाना पड़ता है. यह काम आसान नहीं है. क्योंकि नदी पार करने के समय पूरा कपड़ा लगभग भीग चुका होता है और भीगे कपड़े में ड्यूटी करनी पड़ती है.

'बड़ी जिम्मेदारी से रास्ते में आने वाली हर परेशानी छोटी': एएनएम नीलम कुमारी ने बताया कि अपने कर्तव्य को देखकर मुझे यह परेशानी बहुत छोटी नजर आती है. क्योंकि, मेरे कंधे के ऊपर वैक्सीनेशन समेत अन्य बड़ी जिम्मेदारी का बोझ है. उन्होंने बताया कि नदी पार करने के दौरान उनके साथ वहां की आशा असगरी भी साथ रहती हैं. नदी पार करते समय डर भी लगता है कि अगर कहीं बीच में गहराई अधिक हो तो कोई दुर्घटना न हो जाए.

''मेरे कार्य को देखकर 15 अगस्त को डीएम इनायत खान द्वारा अवार्ड भी दिया गया था. इससे हमारा उत्साह और भी बढ़ गया है. कहने को तो हमारी ड्यूटी सिर्फ 8 घंटे की है, लेकिन मैं अपने क्षेत्र में हमेशा उपलब्ध रहती हूं. क्योंकि, कभी भी गर्भवती माता की डिलीवरी का समय आता है तो वैसे में हमारी जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ जाती है. इसके पहले भी मुझे पटना में सम्मानित किया गया था. इन्हीं सब वजहों से मेरे अंदर उत्साह का संचार होता है और काम करने की इच्छा बढ़ जाती है.''-नीलम कुमारी, एएनएम, रहिकपुर एचएससी


राष्ट्रपति अवार्ड के लिए भेजा जाएगा नाम: जब एएनएम नीलम कुमार के काम को लेकर हेल्थ डिपार्टमेंट के डीपीएम रेहान अशरफ से बात की गई तो उन्होंने भी उनकी तारीफ की. डीपीएम ने बताया कि हमारे यहां स्वास्थ्य कर्मी कड़ी मेहनत से काम करते हैं. पिछली बार तीन स्वास्थ्य कर्मियों को राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए नाम दिया गया. नीलम कुमारी का जज्बा देखकर उनका नाम को भी चयनित किया है. ताकि 2023 में मिलने वाले राष्ट्रपति पुरस्कार (President Award in india) के लिए उनका नाम आगे बढ़ाया जा सके.

''नीलम कुमार का जज्बा और कार्य के प्रति निष्ठा को देखकर उनके नाम का चयन स्वास्थ्य विभाग की ओर से चयन किया जा रहा हैं. ताकि 2023 में मिलने वाले राष्ट्रपति अवॉर्ड के लिए उनके नाम को भेजा जा सके. एक महिला के लिए कमर भर पानी में घुसकर दूसरी ओर जाना कठिन काम है. वो अपने काम को बखूबी अंजाम दे रही हैं. उनसे दूसरे कर्मियों को भी प्रेरणा मिलती है. हम ऐसे कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा सम्मान रखते हैं और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए तत्पर रहते हैं.''- रेहान अशरफ, डीपीएम, स्वास्थ्य विभाग

Last Updated :Dec 5, 2022, 7:11 PM IST

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