पटना:बिहार विधानसभाके बजट सत्र (Bihar Budget Session) का आज नौवां दिन है. मंगलवार को माइक तोड़ने के मामले में बीजेपी विधायक लखेंद्र पासवान को दो दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया था. ऐसे में आज उसको लेकर बीजेपी की ओर से जमकर हंगामा हुआ. विपक्षी विधायकों ने सामानांतर सदन की कार्यवाही का संचालन किया. साथ ही राजभवन मार्च भी निकाला. वहीं पहले हाफ में प्रश्नकाल हुआ, जबकि दूसरे हाफ में उद्योग विभाग सहित अन्य विभाग के बजट पर चर्चा हो रही है.
Bihar Budget Session: BJP विधायक लखेंद्र पासवान का निलंबन वापस, माइक तोड़ने के कारण हुए थे निष्कासित
आज भी बिहार विधानसभा परिसर में बीजेपी ने जोरदार हंगामा किया. बीजेपी अपने विधायक लखेंद्र पासवान के निलंबन को वापस लेने की मांग कर रही थी. पार्टी का आरोप है कि माइक तोड़ने के मामले में उन पर पक्षतापूर्ण कार्रवाई की गई है. हालांकि दोपहर बाद बीजेपी के सभी विधायक सदन की कार्यवाही में शामिल हुए. वहीं स्पीकर ने भी निलंबित विधायक लखेंद्र पासवान को सदन में बुला लिया.
इन विभागों से जुड़े प्रश्नों के जवाब देंगे मंत्री:प्रश्नकाल में आज ग्रामीण कार्य विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, जल संसाधन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, पथ निर्माण विभाग, भवन निर्माण विभाग और श्रम संसाधन विभाग के प्रश्नों का संबंधित विभाग के मंत्री या प्रभारी मंत्री जवाब देंगे. उसके बाद शून्य काल होगा, इसमें तत्कालिक विषयों को सदस्य विधानसभा में उठाएंगे. फिर ध्यानाकर्षण में प्रश्नों का विस्तृत उत्तर सरकार देगी.
बिहार विधानसभा में उद्योग विभाग के बजट पर चर्चा: दूसरे हाफ में आज भी कई विभाग के बजट पर चर्चा हो सकती है. इसमें उद्योग विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और पर्यटन विभाग शामिल है. चर्चा के बाद उद्योग विभाग के मंत्री जवाब देंगे और बजट को सदन से पास कराएंगे.
लखेंद्र पासवान के निलंबन पर हंगामा के आसार: आपको बताएं कि माइक तोड़ने के मामले में संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी के प्रस्ताव पर विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने लखेंद्र पासवान को 2 दिनों के लिए निलंबित कर दिया है. निलंबन का आज दूसरा दिन है लेकिन बीजेपी के विधायक निलंबन वापसी की मांग कर रहे हैं. कल भी विधानसभा पोर्टिको में देर शाम तक धरना देते रहे थे और आज पैरेलल सदन की कार्यवाही चलाने की घोषणा की है. बीजेपी की तरफ से यह आरोप लगाया जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष सरकार के इशारे पर एकतरफा फैसला ले रहे हैं.