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BJP को छोड़ने के मूड में नहीं मुकेश सहनी, कहा- 'वह ’टकसाल’ नहीं बना जो ’सन ऑफ मल्लाह’ को खरीद सके'

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Published : Nov 11, 2022, 2:40 PM IST

वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल पर निशाना (Mukesh Sahni atack sanjay jaiswal) साधते हुए उनके पोस्ट पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि जिनके घर खुद शीशे के होते हैं वह दूसरे पर पत्थर नहीं चलाते है.

मुकेश सहनी का बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पर पलटवार
मुकेश सहनी का बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पर पलटवार

पटना: विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल द्वारा सोशल मीडिया पर किए जा रहे पोस्ट पर पलटवार (mukesh sahni counter attack at sanjay jaiswal ) करते हुए कहा कि जिनके घर खुद शीशे के होते हैं वह दूसरे पर पत्थर नहीं चलाते है. उन्होंने कहा कि अगर राजनीति में आकर समाजसेवा करना खोखा बटोरना है, तो यह गलती मैं अपने समाज की तरक्की के लिए बार-बार करूंगा.

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जायसवाल पर भड़के मुकेश सहनी: मुकेश सहनी ने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर संजय जायसवाल को यह भी बताना चाहिए कि वे चिकित्सक का पेशा छोडकर पहले राजद में और अब बीजेपी में क्यों आए है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को यह भी बताना चाहिए कि आखिर एनडीए के साथी उन्हें छोडकर क्यों चले जा रहे हैं. उन्होंने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि कभी चिराग जी कभी ओवैसी जी और कभी बसपा के बैसाखी के सहारे चुनाव लड़ने वाले दूसरे पर कीचड़ उछालते हैं तो हंसी आती है.

'वह ’टकसाल’ नहीं बना जो ’सन ऑफ मल्लाह’ को खरीद सके': वीआईपी मुखिया ने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि बीजेपी पैसा देकर विधायक खरीद सकती हैं, लेकिन अभी तक वो टकसाल नहीं बना जो ’सन ऑफ मल्लाह’ को खरीद सकता हैं और ये सच आप और आपके आका सब जानते हैं. उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि बीजेपी कुछ भी कर ले, लेकिन कुढ़नी विधानसभा में जरूर धूल चटाऊंगा.

कुढ़नी में वीआईपी से डर क्यों? : उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी आखिर कुढ़नी में वीआईपी के प्रत्याशी उतारने से इतना डर क्यों रही है. उन्होंने कहा कि आप राजनीतिक दलों ने नाव चलाने वाला समझकर अब तक मल्लाहों- निषादों को ठगा था, उनके विकास के लिए ही मुंबई की आराम की जिंदगी छोडकर बिहार में सेवा करने पहुंचे हैं. अब आपको परेशानी हो रही है.

"सरकार में रहने के बावजूद बीजेपी ने उनके चार विधायकों को तोड़ा और अगर वहां बीजेपी होती तो सरकार में रहने के लिए हर समझौता कर लेती, लेकिन बीजेपी को मालूम होना चाहिए वीआईपी की प्राथमिकता ही सत्ता नहीं संघर्ष है. बीजेपी को यह भी बताना चाहिए कि वीआईपी को एनडीए में जाने के लिए बीजेपी ने कितना खोखा दिए थे? आपने जिस तरह राजनीति में पैसा का खेल खेल रहे हैं, वह आपको मुबारक हो. वीआईपी गरीबों और हाशिये पर पड़े लोगों के अधिकार की लड़ाई लड़ने आई है और यही पार्टी की प्राथमिकता भी है.'' - मुकेश सहनी, प्रमुख, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी)

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