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फसल अवशेष जलाने से स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव, किसान चौपाल का आयोजन कर किया जा रहा जागरूक

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Published : Apr 11, 2022, 6:54 PM IST

Kisan Choupal Organizing in Dhanarua Block of Patna

फसल अवशेष जलाने की घटना को रोकने के लिए कृषि विभाग (Bihar Agriculture Department) इस बार पूरी तरह एक्शन मोड में है. 11 अप्रैल से लेकर 17 अप्रैल तक सभी प्रखंडों में एलईडी प्रचार रथ से फसल अवशेष प्रबंधन की जानकारी दी जा रही है. इसी क्रम में सोमवार को धनरुआ की 3 पंचायतों में विशेष किसान चौपाल का आयोजन कर किसानों को जागरूक किया गया है. पढ़ें पूरी खबर..

पटना (धनरुआ):राजधानी पटना के खेतों में इन दिनों रबी फसल की कटाई शुरू हो चुकी है. ऐसे में कृषि मंत्रालय की ओर से सभी जिलों के जिलाधिकारी और कृषि अधिकारी को गांव-गांव में पराली प्रबंधन और फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में किसानों को जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं. जिसके अनुसार, गांव-गांव में किसान चौपाल लगाकर किसानों के बीच उन्हें फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर जागरूक करेंगे. इसी कड़ी में सोमवार से विशेष किसान चौपाल शुरू हो गया है. राज्य कृषि विभाग द्वारा 11 से 17 अप्रैल तक गांव-गांव में विशेष किसान चौपाल का आयोजन (Kisan Choupal Organizing in Dhanarua) किया जाएगा.

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किसान जागरुकता रथ: राजधानी पटना के धनरूआ प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में सोमवार से किसान जागरुकता रथ घूम रहा है. पहले दिन धनरूआ के डेवां पंचायत के विभिन्न गांव में जन जागरुकता अभियान चलाया गया है. जहां बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम के दौरान किसानों के बीच जागरुकता लाने के मकसद से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

फसल अवशेष जलने सेस्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव: विभाग की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि प्रायः ऐसा पाया जा रहा है कि फसल कटने के बाद किसान खेतों में अवशेष जला देते हैं. इस कारण मिट्टी के पोषक तत्वों की क्षति, मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की क्षति, में जीवाणुओं में कमी और हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है. इसका मानव स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है इस कारण सांस लेने में समस्या आंखों में जलन की समस्या उत्पन्न हो रही है. ऐसे में जरूरी है कि किसानों को जागरूक किया जाए और खेतों की फसल कटने के बाद अवशेष जलाने पर रोक लगाई जाए.

किसान चौपाल कार्यक्रम का आयोजन: ऐसे में फसल अवशेष जलाने की घटना को रोकने के लिए कृषि विभाग इस बार पूरी तरह एक्शन मोड में है. 11 अप्रैल से लेकर 17 अप्रैल तक सभी प्रखंडों में एलईडी प्रचार रथ से फसल अवशेष प्रबंधन की जानकारी दी जा रही है. जिसको लेकर आज सोमवार से धनरूआ के 3 पंचायतों में यह प्रचार प्रसार किया है. इसके साथ ही सभी प्रखंडों में फसल अवशेष प्रबंधन पर विशेष किसान चौपाल कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. सभी प्रकार के निर्देश कृषि विभाग ने किसानों को दिया है. कार्यक्रम की सफलता को लेकर एटीएम, बीटीएम और कृषि समन्वयक और प्रखंड कृषि पदाधिकारी को विशेष तौर पर निर्देश दिया है.

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प्रत्येक दिन 3 गांवों को किया जाएगा कवर: विशेष किसान चौपाल के तहत धनरूआ में प्रत्येक दिन पंचायत के 3 गांव को कवर करना है. ऐसे में सोमवार को डेवां पंचायत के रेपुरा दौलतपुर और बारा एवं सेवई मे कार्यक्रम किया गया है. उसके बाद मंगलवार को धनरूआ पंचायत के मझोली, जलालपुर, डूंमरा,गोविंदपुर, अगले दिन को बौरही गोविंदपुर, पनपुरा, ससोना, महमदपुर और उसी दिन मोरियावां पंचायत के भाईपुर, कुकरवाड़ा. इसके अलावा 13 तारीख को नदवां पंचायत बिजावर और रघुनाथपुर में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.

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