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कश्मीर में शहीद हुआ बिहार का लाल कमलेश कुमार

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Published : Sep 14, 2019, 12:25 PM IST

कमलेश कुमार 14 महीने पहले ही सेना में भर्ती हुए थे. ट्रेनिंग खत्म होने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग कुपवाड़ा में हुई थी. शहीद होने की खबर सुनते ही पूरे इलाके में शोक की लहर है. उनके पैतृक आवास पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है.

पटना: पाकिस्तान की ओर से किए गए सीजफायर उल्लंघन में बिहार का एक और लाल शहीद हो गया है. बख्तियारपुर के पंडारक प्रखंड के लखनपुरा गांव के रहने वाले कमलेश कुमार उर्फ भोला कश्मीर के कुपवाड़ा में शहीद हो गए.

14 महीने पहले ही सेना में हुए थे भर्ती

जानकारी के अनुसार पाकिस्तान की ओर से मोर्टार दागने से वह शहीद हुए. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टी नहीं हुई है कि वह कैसे शहीद हुए. कमलेश कुमार अनिल सिंह के बेटे थे. कमलेश के शहीद होने की सूचना मिलते ही उनके परिवार सहित पूरे इलाके में मातम पसर गया.

पसरा मातम

'14 महीने पहले ही सेना में हुए थे भर्ती'

बता दें कि, कमलेश 14 महीने पहले ही सेना में भर्ती हुए थे. पटना के दानापुर में नौकरी के लिये बहाली हुई थी. उसके बाद ट्रेनिंग के लिये उन्हें हैदराबाद भेजा गया था. उनकी पहली पोस्टिंग कुपवाड़ा में हुई थी. कुछ दिनों पहले एक महीने की छुट्टी लेकर वो घर आए थे. 24 अगस्त को वो वापस गये थे.

कश्मीर में शहीद हुए बख्तियारपुर के सपूत कमलेश कुमार

सपूत की शहादत पर फक्र
शहीद होने की खबर सुनते ही पूरे इलाके में शोक की लहर है. उनके पैतृक आवास पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है. ग्रामीणों के अनुसार कमलेश अपने हंसमुख चेहरे और मृदुल स्वभाव के कारण सभी के लाडले थे. उनकी मौत से लोग मर्माहत हैं. साथ ही लोगों को अपने सपूत की शहादत पर फक्र भी है.

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Body:पंडारक प्रखंड के लखनपुरा गांव के सपूत कमलेश कुमार उर्फ भोला के कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंक से लोहा लेते हुए शहीद हो गए व अनिल सिंह के बेटे हैं।वह 14 महीने पहले ही सेना में भर्ती हुए थे।पहली उनकी पोस्टिंग में जवान कमलेश कुमार के शहीद होने की सूचना मिलते ही परिवार के गांव में मातम छा गया। पूरे इलाके में शोक की लहर है। उनके पैतृक आवास पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है।

जानकारी के अनुसार कमलेश कुमार 14 महीने पहले सेना में भर्ती हुए थे ट्रेनिंग खत्म होने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग कुपवाड़ा हुई थी। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार वह अपने हंसमुख चेहरे एवं स्वभाव के कारणों के लाडले थे। उनकी मौत से लोग काफी दुखी हैं।साथ ही लोगों को अपने सपूत पर शहादत का गर्व है।

फोटो व्हाट्सएप पर है


Conclusion:

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