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Bihar Politics: 'मांझी पर उम्र का प्रभाव, उनके बयानों को कोई गंभीरता से नहीं लेता'- रत्नेश सदा

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 24, 2023, 6:19 PM IST

बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. गया के वजीरगंज में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जो पार्टी दारू, बालू, ताड़ी से प्रतिबंध हटाएगी, उसी को वोट देना है. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के शराब बंदी वाले बयान को लेकर सियासत शुरू हो गयी है. अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री रत्नेश सदा ने जीतन राम मांझी के शराबबंदी वाले बयान पर पलटवार किया है. पढ़ें, विस्तार से.

रत्नेश सदा
रत्नेश सदा

रत्नेश सदा, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री.

पटना: पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के शराब बंदी वाले बयान पर सियासत थम नहीं रहा है. जदयू जनसुनवाई कार्यक्रम में अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री रत्नेश सदा ने जीतन राम मांझी के शराबबंदी वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि जीतन राम मांझी उम्र के प्रभाव में अनावश्यक बयानबाजी कर रहे हैं. उनके बयान को अब कोई तवज्जो नहीं देता है. उन्हें ना ही मीडिया गम्भीरता से लेता है और ना ही दलित-महादलित समाज.

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"मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दलित और महादलित समाज को उसका उचित अधिकार देने का काम किया है, इसलिए मांझी जी बौखलाहट में इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं. वो समाज को अंधकार में धकेलना चाहते हैं. आज तक कभी भी समाज के भले की कोई बात नहीं कही. जीतन राम मांझी शिक्षा की बात कभी नहीं करते हैं."- रत्नेश सदा, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री

भाजपा का चरित्र दलितों को अपमानित करने वालाः का एक सवाल के जवाब मंत्री ने कहा कि जब नए संसद भवन का उद्घाटन हो रहा था तब भाजपा ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को सिर्फ दलित समाज से होने के कारण उद्घाटन समारोह से बहिष्कृत किया था. दलितों को अपमानित करने का चरित्र भाजपा वालों का है, ना की महागठबंधन का. बता दें कि पूर्व सीएम जीतन मांझी महागठबंधन से निकलने के बाद लगातार नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं.

क्या कहा था मांझी ने : पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी मंगलवार 22 अगस्त को बिहार के गया जिले के वजीरगंज गांव पहुंचे थे. यहां उन्होंने पतेड़ मंगरावा गांव के महादलित टोले के लोगों की समस्या सुनीं. लोगों ने मांझी को बताया कि पिछले दिनों दारू के नाम पर पुलिस और आबकारी विभाग के लोगों ने उन्हें दौड़ा दौड़ा कर पीटा था. यह सुनकर मांझी भड़क गए और उन्होंने लोगों से कहा कि जो ताड़ी और दारू से बैन हटाएगा उसी को वोट देना.

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