पटनाः नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने एक बार फिर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को पत्र लिखा है. इस बार बिहार में बाढ़ (Flood in Bihar) से निजात और नदी जोड़ योजना को लेकर प्रधानमंत्री (Prime Minister Narendra Modi) से शिष्टमंडल मिले, इसके लिए मुख्यमंत्री से आग्रह की गई है. पत्र लिखने के मुद्दे पर अब बयानबाजी शुरू हो गई है. जदयू के वरिष्ठ नेता और ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने तेजस्वी पर तंज कसा है. उन्होंने न सिर्फ तेजस्वी यादव के बारे में बयान दिया, बल्कि बयानबाजी में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के शासनकाल को भी घसीट लिया.
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'तेजस्वी यादव राजनीति कर रहे हैं. उन्हें इसका कुछ लाभ मिलने वाला नहीं है. जब उनके पिता और माता का 15 साल शासन रहा, उन्होंने बिहार को गर्त में पहुंचा दिया. उन लोगों की सोच संकुचित है. बिहार में जबसे नीतीश कुमार ने शासन संभाला है. लगातार विकास के कार्य हो रहे हैं. इसलिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव राजनीति कर रहे हैं. चाहते हैं कुछ प्राप्त हो जाए. लेकिन इसका कोई लाभ मिलने वाला उन्हें नहीं है.'-श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री
बता दें कि तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखा है कि बिहार देश का एक ऐसा राज्य है जो प्रतिवर्ष बाढ़ की भयानक विभीषिका के साथ-साथ सुखाड़ की गंभीर समस्याओं को भी झेलता है. इससे प्रतिवर्ष करोड़ों लोग प्रभावित होते हैं. हजारों लोगों की असामयिक मृत्यु होती है तथा अरबों रुपयों की फसल व जान-माल की क्षति होती है.
बिहार के कम-से-कम 20 जिले- सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, खगड़िया, सारण, समस्तीपुर, सीवान, मधुबनी, मधेपुरा, सहरसा, भागलपुर, कटिहार, वैशाली, पटना प्रत्येक वर्ष बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित होते हैं.
बिहार की बाढ़ की समस्या के समाधान हेतु केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा सिर्फ घोषणाएं ही की जा रही हैं लेकिन इस समस्या के स्थायी एवं ठोस समाधान की दिशा में ईमानदार कोशिश नहीं हो रही है. इन गंभीर समस्याओं के निदान हेतु कई नहरों एवं बराजों के निर्माण कराने के साथ-साथ राज्य की नदियों को जोड़ने की मांग पहले से की जाती रही है.
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वर्ष 2011 में राज्य में नदी जोड़ने की परियोजनाएं (River Linking Projects) की घोषणा की गई थी. इसमें राज्य की कई नदियों को जोड़ने के लिए अनेक योजनाओं यथा- बागमती-बूढ़ी गंडक लिंक, बूढ़ी गंडक-बाया-गंगा लिंक, कोसी-बागमती-गंगा लिंक आदि की बात कही गई थी. केन्द्र सरकार ने वर्ष 2019 में इनमें से मात्र एक 'कोशी-मेची' नदी को जोड़ने की योजना को हरी झंडी दी थी लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस योजना का क्रियान्वयन अभी तक शुरू नहीं हुआ है.