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'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कृपा से बना DGP', एसके सिंघल का बयान

बिहार के पूर्व डीजीपी एसके सिंघल (DGP SK Singhal Retired) अपना पद छोड़ने से पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए नजर आए. सेवानिवृत होने से पहले उन्होंने पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कृपा और अदृश्य शक्ति के कारण ही वो डीजीपी बनकर कर काम करने का मौका मिला.

पूर्व डीजीपी एसके सिंघल
पूर्व डीजीपी एसके सिंघल

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Published : Dec 20, 2022, 10:08 AM IST

पटनाःबिहार के पूर्व डीजीपी एसके सिंघल(EX DGP SK Singha) सेवानिवृत होने से पहले मीडिया से रू-ब-रू हुए. इस दौरान उन्होंने मीडिया (SK Singhal press conference in Patna) के कई सवालों का जवाब दिया. जहरीली शराब के मामले से लेकर पुलिस की उपलब्धियां और आदित्य प्रकरण पर उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी, बीच-बीच में पत्रकार के सवालों पर वो कई बार भड़के भी, लेकिन इस दौरान उन्होंने सवालों का जवाब देते हुए ये भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कृपा और अदृश्य शक्ति ने मुझे डीजीपी बनकर काम करने का मौका दिया.

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छपरा शराब मामले पर कही ये बातःएसके सिंघल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान छपरा शराब मामले में अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर किए गए सवाल पर वो थोड़ा भड़क गए. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है, जो दोषी पाए जाएंगे, सभी पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने ने भी कहा कि क्या परिवार वालों की जिम्मेदारी नहीं है कि अपने लोगों को शराब पीने से मना करें. हालांकि उन्होंने माना है कि इस मामले में पुलिस का खुफिया तंत्र फेल हुआ है. उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस इंटेलीजेंस फेल होने की जो बात कही जा रही है वह सही है लेकिन अभी तक की जांच में यह साफ है कि थाने से स्पिरिट की चोरी नहीं हुई है और ना ही थाने से स्पिरिट बेचा गया है.

आदित्य प्रकरण पर भी रखी अपनी बातः वहीं, सिंघल ने आदित्य प्रकरण पर भी अपना बात रखी उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में मेरी नीयत साफ है. कहने को तो बहुत कुछ है, लेकिन जांच जारी होने की वजह से अभी कुछ कह नहीं सकता हूं. कोर्ट के ऑर्डर, मेरे ऑर्डर फोन कॉल की तारीख चेक कर लीजिए. सब कुछ साफ हो जायेगा. कोई यह नहीं भूले कि चीफ जस्टिस बनकर फोन करने वाले आदित्य कुमार के दोस्त को ट्रैप भी मैंने किया. एफआइआर भी मैंने करायी. उसने तो दूसरे अधिकारियों को भी फोन किया था, उन्होंने एफआइआर क्यों नहीं करायी. इस पर भी तो बात होनी चाहिए थी. पूरे प्रकरण में पुलिस मुख्यालय को जो काम करना चाहिए था वह प्रोफेशनल तरीके से किया गया.

"विगत 2 वर्षों में कुल 26,737 नियुक्तियां अलग-अलग रैंक में हुई हैं. कुल उपलब्ध बल में 24.29% महिला पुलिस कर्मी हैं जो हमारे देश में उच्चतम है. आज की तारीख में 140 पुलिस पदाधिकारी कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं. विगत 2 वर्षों में 131 पुलिस थाने, 48 OP और 4 पुलिस लाइन को भूमि उपलब्ध कराई गई है. इसके अलावा 221 थाने, 101 OP के भवनों के निर्माण की स्वीकृति हो गई है. 2021 में विगत वर्षों की तुलना में हत्या, डकैती,दहेज हत्या इत्यादि में ऑल इंडिया रैंकिंग में बिहार में सुधार हुआ है"- एसके सिंघल, पूर्व डीजीपी, बिहार

नए पुलिस महानिदेशक ने संभाला पदभारः वहीं पटना के पटेल भवन स्थित डीजीपी कार्यालय में पुलिस महानिदेशक राजविंदर सिंह भट्टी (DGP Rajwinder Singh Bhatti) ने अपना पदभार ग्रहण करने के बाद कहा कि राज्य में सबसे ज्यादा जोर उनका क्राइम कंट्रोल पर रहेगा. उन्होंने कहा कि जो भी चुनौतियां हैं, उनका डट कर सामना करेंगे. प्रदेश में विधि व्यवस्था बनाये रखने व अपराध की रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा.

कड़क अफसर हैं राजविंदर सिंह भट्टीःआपको बता दें कि 1990 बैच के आईपीएस अफसर राजविंदर सिंह भट्टी की छवि एक कड़क अफसर की है. सितम्बर 2005 में राजविंदर सिंह भट्टी सिवान के एसपी बने थे. भट्टी बाढ़ के एएसपी भी रह चुके हैं. वह फिलहाल सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पूर्वी कमान के एडीजी के पद पर कार्यरत थे. डीजीपी की रेस में थे कई नाम: बिहार के नए डीजीपी की रेस में आरएस भट्टी समेत चार नाम थे. इनमें 1988 बैच के मनमोहन सिंह, 1989 बैच के आलोक राज और शोभा अहोतकर शामिल थे. आरएस भट्टी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और पंजाब के रहने वाले हैं. पूर्व डीजीपी एसके सिंघल भी पंजाब के ही रहने वाले थे.

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