पटना : आज मकर संक्रांति 2023 है. मकर संक्रांति के दिन लोग चूड़ा दही और तिलकुट का सेवन करते हैं. राजधानी पटना में कई ऐसे भी समाजसेवी युवा नजर आए जो गरीबों के बीच जाकर चूड़ा-दही और तिलकुट का भोज कराया. राजधानी पटना में मीठापुर ब्रिज के नीचे युवाओं ने मिलकर सैकड़ों गरीबों को भोजन करवाया है. इस दौरान झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले ठेला चालक, रिक्शा चालक सहित दैनिक मजदूर सपरिवार चूड़ा-दही भोज का लुफ्त उठाते नजर आए.
Patna Makar Sankranti 2023 : झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को खिलाया दही चूड़ा, बांटे कंबल
राजधानी पटना के मीठापुर ब्रिज के नीचे गरीब बच्चों को दही चूड़ा भोज कराया गया. समाजसेवी ने इस आयोजन को मकर संक्रांति के अवसर पर किया. झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों ने इस भोज का खूब आनंद उठाया. ठंड से ठिठुरते लोगों को कंबल भी बांटे गए. पढ़ें
इस भोज में शरीक होने आए ललन कुमार ने कहा कि हम ठेला चलाते हैं. आज पता चला कि यहां गरीबों को चूरा-दही, तिलकुट खिलाया जा रहा है. हमें भी इनलोगों ने खिलाया है. यह अच्छी बात है. खाकर बहुत मजा आया. ललन जैसे कई दैनिक मजदूर पूरे परिवार के साथ युवाओं द्वारा किए गए भोज का आनंद उठाते नजर आए.
मकर संक्रांति के अवसर पर गरीबों के बीच चूड़ा-दही भोज का आयोजन करने वाले समाजसेवी गौतम कुमार का कहना है कि शुरू से ही हम गरीबों की सेवा करते रहे हैं. ठंड जब शुरू होती है तो गरीबों के बीच कंबल बांटते हैं. कुछ दिनों के बाद फिर से कंबल वितरण भी हम करेंगे. इस बार हमारे मन में आया कि हम लोग मिलकर क्यों नहीं गरीबों के भी चूरा-दही, तिलकुट का भोज करें. हमने झुग्गी-झोपड़ी में जाकर के गरीब लोगों को बुलाया.
''हम समझते हैं कि सेवा करना बहुत बड़ा धर्म है. यही सोच लेकर हम लोगों ने इसका आयोजन किया है. आज की महंगाई में दही-चूड़ा और तिलकुट गरीबों की पहुंच से दूर हो गया है. इसीलिए हम लोगों ने प्लान किया क्यों न गरीबों के बीच जाकर उनके साथ खिचड़ी मनाई जाए. यही सोचकर हमने यह प्लान बनाया.'' - छोटू कुमार, दही चूड़ा भोज के आयोजक
आयोजक छोटू कुमार ने बताया कि अगर युवा किसी काम में एक जुट हो जाएं तो किसी भी काम में दिक्कत नहीं होगी. खास करके गरीबों की सेवा अगर करना है तो वह बड़ा धर्म होता है. यही सोचकर हम लोगों की टीम ने ये सब प्लान किया. हम सभी ने अपनी मकर संक्रांति ऐसे लोगों का पेट भरकर मनाई उससे हमें संतुष्टि मिली है.