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Bihar Shikshak Niyojan: शिक्षा निदेशालय का सख्त निर्देश, हर जिले में बने कंट्रोल रूम

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Published : Jul 29, 2021, 10:53 PM IST

बिहार शिक्षक नियोजन के दूसरे चरण की काउंसलिंग में गड़बड़ी का आशंका को देखते हुए प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने हर जिले में कंट्रोल रूम बनाने का निर्देश जारी किया है. तय समय पर निर्देशित प्रक्रिया को पूरा नहीं करने पर कार्रवाई की बात भी कही गई है.

शिक्षा विभाग
शिक्षा विभाग

पटनाःबिहार में शिक्षकों के नियोजन (Primary Teacher Recruitment) के लिए दूसरे चरण की काउंसलिंग (Counseling) 2 अगस्त से शुरू हो रहा है, जो 13 अगस्त तक चलेगा. इस बीच प्राथमिक शिक्षा निदेशालय (Directorate of Education) की ओर से गड़बड़ी की आशंका के मद्देनजर गुरूवार को कई सख्त निर्देश जारी किए गए हैं. इसके तहत सभी जिलों में कंट्रोल रूम बनाने के साथ ही 29 जुलाई की मध्यरात्रि तक सभी नियोजन इकाईयों को मेरिट लिस्ट अपलोड करना होगा.

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प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने गुरुवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को आदेश जारी किया है. इस आदेश में स्पष्ट किया गया है कि काउंसलिंग की प्रक्रिया का पूर्ण अनुश्रवण करने लिए जिस प्रकार राज्य स्तर पर शिक्षा विभाग द्वारा नियंत्रण कक्ष (0612-2215181) की व्यवस्था की गयी है, उसी प्रकार हर जिले के लिए नियंत्रण कक्ष की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए उक्त नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त पदाधिकारी के नाम एवं दूरभाष संख्या/मोबाइल नंबर प्रकाशित किया जाए.

यह व्यवस्था शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण होने तक प्रत्येक कार्यदिवस पर सुबह दस बजे से शाम 6 बजे तक लागू रहेगी. नियंत्रण कक्ष से संबंधित पदाधिकारियों का नाम और मोबाइल नम्बर विभाग को दिनांक 30.07.2021 तक उपलब्ध कराना होगा.

निर्देश के आलोक में 29.07.2021 की मध्यरात्रि तक प्रत्येक नियोजन इकाइयों के लिए मेरिट लिस्ट NIC के वेबसाइट पर अपलोड करने की कार्रवाई पूरी करने का निर्देश दिया गया है. अगर निर्धारित समय में यह प्रक्रिया पूरी नहीं की जाती है तो संबंधित नियोजन इकाई पर कार्रवाई की जाएगी. और अगर मेधा सूची तय समय तक अपलोड नहीं होने की स्थिति में उन नियोजन इकाइयों में काउंसलिंग की कार्रवाई तृतीय चक्र में की जाएगी.

काउंसलिंग के क्रम में जिन पदों पर काउंसलिंग की जा रही है, उन पदों पर यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही इसकी समाप्ति की घोषणा किए जाने का निर्देश दिया है. वहीं बाकी अभ्यर्थियों के अनावश्यक नहीं रोकने और उनसे प्रमाणपत्र प्राप्त करने का निर्देश दिया गया है.

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काउन्सिलिंग की प्रक्रिया समाप्त होने के उपरांत अगले दिन चयनित अभ्यर्थियों की सूची NIC के पोर्टल पर एवं उनके संगत प्रमाणपत्रों को शिक्षा विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए वेबपोर्टल पर अपलोड कराने का निर्देश दिया गया है. क्योंकि इस प्रक्रिया में गड़बड़ी/अनियमितता होने की संभावना बनी रहती है.

प्रथम चक्र की नियोजन जिसकी कॉन्सिलिंग पूरी की जा चुकी है, उन नियोजन इकाइयों में चयन सूची के प्रकाशन में देरी होने पर गड़बड़ी की संभावना बनी रहती है. ऐसी स्थिति में यदि नियोजन इकाइयों द्वारा अब तक चयन सूची NIC के वेबसाईट पर प्रकाशित नहीं किया गया हो तो उन नियोजन इकाइयों के संबंध में कारण स्पष्ट करते हुए उनके विरुद्ध यथोचित कार्रवाई की अनुशंसा सक्षम प्राधिकार के समक्ष किए जाने का निर्देश है.

इसे बच्चों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 तथा उनके संवैधानिक दायित्वों का उल्लंघन मानते हुए इसके लिए दोषी पदाधिकारी और संबंधित नियोजन इकाई के प्रतिनिधि के विरुद्ध बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 (यथा संशोधित) और बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 (यथा संशोधित) की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कार्रवाई की जाने का निर्देश है.

निर्देश में साफ कहा गया है कि यदि इस संबंध में शिक्षा विभाग के किसी पदाधिकारी द्वारा शिथिलता बरती जाएगी तो उनके विरुद्ध भी यथोचित कार्रवाई की अनुशंसा की जाए. अभी भी नियोजन इकाइयों के चयन सूची की जांच जारी है, जिससे संशय की स्थिति उत्पन्न हो रही है. इसलिए इस संबंध में तटस्थ रूप से निर्णय लेते हुए चयन सूची एवं अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों को 29.07.2021 तक अपलोड करने के लिए कहा गया है.

जिन नियोजन इकाइयों की काउन्सिलिंग/चयन रद्द कर दिया गया है, उन नियोजन इकाइयों के चयनित अभ्यर्थियों से संपर्क करके प्रमाणपत्र वापस करने करने का निर्देश दिया गया है, जिससे कि अभ्यर्थी तृतीय चक्र में सम्मिलित हो सकें.
वहीं, जिन नियोजन इकाइयों या अथवा फर्जी अभ्यर्थी पर F.I.R. दर्ज की गयी है, उसकी सूची भी बिना देर किए निदेशालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.

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बिहार में 90,762 प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया चल रही है. लंबे समय के बाद यह प्रक्रिया शुरू हुई है और ईटीवी भारत लगातार शिक्षक अभ्यर्थियों की परेशानी सरकार तक पहुंचा रहा है. शिक्षक अभ्यर्थियों की शिकायत और दूसरे चरण में गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने ये निर्देश दिए हैं.

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