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INDIA गठबंधन की चौथी बैठक भी फ्लॉप होगी, नीतीश के लिए सम्भावनाएं शून्य : सुशील मोदी

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 17, 2023, 10:43 PM IST

INDIA Alliance Meeting in Delhi : बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने नीतीश और इंडी गठबंधन की होने वाली बैठक को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि विपक्ष की तीसरी बैठक भी फ्लॉप हो जाएगी. जबकि इस बैठक में भी नीतीश के लिए इंडी गठबंधन का नेता बनने की संभावना जीरो नजर आ रही है. पढ़ें पूरी खबर-

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पटना : 19 दिसंबर को I.N.D.I.A. गठबंधन की होने वाली बैठक को लेकर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अक्सर बीमार रहने और विधान सभा में महिलाओं पर अश्लील टिप्पणी करने के बाद उनके 'इंडी गठबंधन का नेता' चुने जाने की रही-सही सम्भावना भी समाप्त हो गई है. इंडी गठबंधन बनने के बाद कांग्रेस भी तीन राज्यों की हार से हताश है.

'हार से हताश है कांग्रेस': सुशील मोदी ने कहा कि गठबंधन की पिछली तीन बैठकों की तरह ही 19 दिसम्बर की बैठक भी फ्लॉप होगी. उसमें चाय-पार्टी और फोटो सेशन के अलावा कुछ नहीं होने वाला. घटक दलों में प्रमुख 'आप' के नेता केजरीवाल विपश्यना ध्यान करने 10 दिन की छुट्टी पर चले गये हैं. शरद पवार की पार्टी टूट चुकी है. ममता दीदी का कोई भरोसा नहीं और नीतीश कुमार कब बीमार हो जाएं, पता नहीं.

''कांग्रेस और उसके नेतृत्व में एकजुट होने का दावा करने वाला विपक्ष तीन हिंदी भाषी राज्यों में करारी हार से हताश है. ये थके-हारे लोग कोई बड़ा निर्णय लेने की स्थिति में भी नहीं हैं.
विपक्ष न भोपाल में साझा रैली कर पाया, न गठबंधन की उप-समितियों की बैठक हो पायी. ये लोग भाजपा के विरुद्ध साझा उम्मीदवार भी नहीं तय कर पाएंगे. विधानसभा चुनावों में जातीय जनगणना का कार्ड नहीं चला और इंडी गठबंधन बनने के बाद की इस पहली बड़ी चुनावी परीक्षा में जनता ने विपक्ष की नकारात्मक राजनीति को कूड़े दान में डाल दिया.''- सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद, बीजेपी

'2024 में भी यही होगा' :सुशील मोदी ने कहा कि इस सब के बाद नीतीश कुमार के करीबी लोग उन्हें पीएम-उम्मीदवार बनाने का सब्जबाग दिखाते रहते हैं. बिहार में जदयू और यूपी में सपा अब यह भ्रम फैला रहे हैं कि कांग्रेस यदि क्षेत्रीय दलों को साथ लेकर चुनाव लड़ती तो परिणाम अलग होते. मुद्दाविहीन और अविश्वसनीय विपक्ष यदि मिल कर भी चुनाव लड़ता है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के आगे टिक नहीं पाता.

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