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...तो क्या अब बिहार में भी लागू होगा NRC ?

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Published : Sep 4, 2019, 8:05 AM IST

बीजेपी विधान पार्षद नवल किशोर यादव का कहना है कि यह कोई सियासी मामला नहीं है. यह देश की एकता और अखंडता का मामला है. यदि घुसपैठिए हैं तो यहां भी उसकी पहचान के लिए एनआरसी लागू होनी ही चाहिए, क्योंकि बिहार देश से अलग नहीं है.

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पटना: तो क्या अब बिहार में भी लागू NRC होगा ? सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि जिस प्रकार से बीजेपी नेताओं के बयान इसको लेकर आ रहे हैं वह तो इसी ओर इशारा करता है. हालांकि जदयू इससे सहमत नहीं है. मतलब इस मुद्दे पर एनडीए में घमासान मचना तय है.

बीजेपी की मांग

एनआरसी को लेकर अब बिहार में भी सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी नेता लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. असम में सूची जारी होने के बाद बीजेपी नेताओं की ओर से बिहार में भी एनआरसी को लागू करने की मांग शुरू हो गई है. बीजेपी का कहना है कि सीमांचल इलाके में बड़ी संख्या में घुसपैठिए हैं और उनकी पहचान होनी चाहिए.

अविनाश की रिपोर्ट.

जदयू की दलील

इधर, जदयू का कहना है कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि असम में जिस तरह से सूची जारी की गई है, उसमें कई लोगों का नाम छूट गया है जो हास्यास्पद है. इसका विरोध बीजेपी के अलावा कई अन्य दल भी कर रहे हैं. कोर्ट के आदेश पर वहां काम हो रहा है. इसलिये इसपर बिहार में राजनीति नहीं होनी चाहिए.

बिहार में NRC को लागू करने की मांग
जदयू की ओर से बिहार में सियासत नहीं करने की सलाह देने पर बीजेपी विधान पार्षद नवल किशोर यादव का कहना है कि यह कोई सियासी मामला नहीं है. यह देश की एकता और अखंडता का मामला है. यदि घुसपैठिए हैं तो यहां भी उसकी पहचान के लिए एनआरसी लागू होना ही चाहिए, क्योंकि बिहार देश से अलग नहीं है.

नवल किशोर यादव

'बीजेपी की भावना सही नहीं'
बीजेपी नेताओं की मांग पर कांग्रेस का कहना है कि फैसला नीतीश कुमार को लेना है. हालांकि कांग्रेस नेता यह भी कह रहे हैं कि कुछ घुसपैठिए आ गए होंगे. लेकिन जिस तरह से बीजेपी मांग कर रही है वह सही नहीं है. कांग्रेस नेता सदानंद सिंह का कहना है कि बीजेपी सांप्रदायिकता की भावना को गलत ढंग से प्रचारित करने के उद्देश्य से यह मांग कर रही है.

सदानंद सिंह.

नीतीश कुमार की बढ़ सकती है मुश्किलें
सीमांचल इलाके में बीजेपी लगातार बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठ होने की बात कहती रही है. बिहार विधानसभा का चुनाव अगले साल होना है. बहुत ज्यादा समय नहीं है. ऐसे में जदयू को लगता है यदि एनआरसी को बिहार में लागू किया गया तो एक बड़ा वोट बैंक नाराज हो सकता है. इसलिए जदयू इस मुद्दे पर अपने सहयोगी दलों को सियासत नहीं करने की सलाह दे रहा है. यदि बीजेपी की ओर से इस मुद्दे पर आवाज तेज हुई तो नीतीश कुमार के लिए मुश्किलें बढ़ना तय है.

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