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Diwali 2023: तीन महीने से 18 जिलों के नियोजित शिक्षकों को नहीं मिला वेतन, प्राथमिक शिक्षक संघ ने लिखा पत्र

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 12, 2023, 10:46 AM IST

Diwali 2023: बिहार में 18 जिलों के नियोजित शिक्षकों को सितंबर महीने से तनख्वाह नहीं मिली है. ऐसे में बिहार प्राथमिक शिक्षक संघ ने छठ से पहले निदेशक प्राथमिक शिक्षा को पत्र लिखा है.

दिवाली पर बिहार शिक्षकों को वेतन
दिवाली पर बिहार शिक्षकों को वेतन

पटना: माना जाता है कि दीपावलीपर मां लक्ष्मी अपने भक्तों पर धन की बरसात करती हैं लेकिन ऐसे त्योहार में भी बिहार के लगभग 18 जिलों में नियोजित शिक्षकों के वेतन का भुगतान सितंबर महीने से अब तक नहीं हुआ है. सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से संपर्क करने पर यह जानकारी दी जा रही है कि अभी तक राज्य से जीओवी का अलॉटमेंट नहीं आया है. जिसके कारण वेतन भुगतान करना संभव नहीं है. ऐसे में बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने निदेशक प्राथमिक शिक्षा को वेतन जारी करने के लिए पत्र लिखा है.

18 जिलों में नियोजित शिक्षकों को वेतन नहीं मिला: नवादा, अरवल, छपरा, दरभंगा और मधुबनी समेत करीब 18 जिलों में अभी तक नियोजित शिक्षकों का सितंबर माह से वेतन भुगतान नहीं हुआ है. दशहरा के समय दो महीने का सभी विभागों में वेतन जारी किया गया लेकिन बावजूद इसके शिक्षा विभाग में इन 18 जिलों में नियोजित शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं हो पाया है.

प्राथमिक शिक्षक संघ ने लिखा पत्र: ऐसे में बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य अध्यक्ष बृजनंदन शर्मा ने इस संदर्भ में निदेशक प्राथमिक शिक्षा बिहार पटना को पत्र लिखकर इसकी विधिवत सूचना दी है. अनुरोध किया है कि यथाशीघ्र जीओवी मद का एलॉटमेंट जारी किया जाए. छठ के पूर्व शिक्षकों के वेतन का भुगतान निदेशक महोदय के देखरेख में किया जा सके ताकि सभी शिक्षक हर्षोल्लास के साथ छठ महापर्व मान सकें.

क्या बोले बिहार प्राथमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष?:बृजनंदन शर्मा ने कहा कि यह हमेशा से समस्या रही है. कभी जीओवी मद का अलॉटमेंट नहीं रहने के कारण भुगतान बाधित होता है तो कभी एसएसए मद का अलॉटमेंट नहीं रहने के कारण वेतन भुगतान बाधित हो जाता है. इसके कारण शिक्षकों को हमेशा परेशानी का सामना करना पड़ता है. सरकार यथाशीघ्र इस पर गंभीरता पूर्वक विचार करें और शिक्षकों को ससमय वेतन का भुगतान करने की तकनीक विकसित करे. जिससे पठन-पाठन कार्य करने में शिक्षकों की अभिरुचि बनी रहे.

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