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बिहार के माननीय रख सकते हैं अपने पसंद के बॉडीगार्ड

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Published : Sep 19, 2022, 10:49 AM IST

बॉडीगार्ड

बिहार पुलिस मुख्यालय (Bihar Police Headquarters) की ओर से साल 2017 के नियम का हवाला देते हुए सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को एक निर्देश जारी हुआ है. जिसके तहत बिहार में माननीय की पसंद को ध्यान में रखते हुए ट्रांसफर के बावजूद अब उनके अंगरक्षकों को नहीं हटाया जाएगा.

पटनाःबिहार के सांसद विधायक और विधान पार्षद अब अपनी पसंद के बॉडीगार्ड्स को रख सकते (Bihar MP MLAs MLCs Can Take Bodyguards By Choice) हैं. यानी कि बिहार सरकार ने सांसदों, विधान पार्षदों और विधायकों की पसंद को तवज्जो दिया है, जिसको लेकर बिहार सरकार के गृह विभाग की ओर से सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को पत्र जारी किया गया है. दरअसल बिहार में माननीय की पसंद को ध्यान में रखते हुए ट्रांसफर के बावजूद अब उनके अंगरक्षकों को नहीं हटाया जाएगा. बिहार पुलिस मुख्यालयकी ओर से साल 2017 के नियम का हवाला देते हुए बिहार पुलिस सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को इस बात को लेकर निर्देश दिया है.

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सांसदों, विधायकों के लिखे थे मुख्यालय को पत्रः बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी सुरक्षा बच्चू सिंह मीणा के द्वारा जारी पत्र में सांसदों विधायकों को मिले अपने मनपसंद अंगरक्षकों को विरमित नहीं करने का निर्देश दिया गया है. दरअसल पुलिस मुख्यालय ने यह निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि पिछले दिनों ही मुख्यालय को इससे संबंधित सांसदों और विधायकों के कई पत्र प्राप्त हुए थे. जिसमें सांसदों और विधायकों ने अपने प्रतिनियुक्त अंगरक्षकों का स्थानांतरित जिला के लिए विरमित नहीं करने को कहा था. अब नियम के तहत सांसद विधायक और विधान पार्षद अपनी इच्छा के अनुसार अंगरक्षकों को रख सकते हैं.

हाल ही में हुए थे पुलिसकर्मियों के तबादलेःआपको बता दें कि पिछले दिनों ही पुलिस मुख्यालय ने एक आदेश जारी कर रेंज और जिला में तैनाती की अवधि पूरी करने वाले पुलिसकर्मियों के तबादले कर दिए थे. इसमें विभिन्न माननीयों के अंगरक्षक भी शामिल थे. पुलिस मुख्यालय द्वारा समय-समय पर पत्र जारी कर बॉडीगार्ड को नवीन तैनाती वाले जिला में ज्वाइन करने का निर्देश दिया गया था. यह प्रतिनियुक्ति संबंधित सांसद विधायक के सेवा काल या सिर्फ उनके द्वारा अंगरक्षक के लौटाए जाने तक की प्रभावी है. सेवाकाल के समाप्ति या अंगरक्षक को ड्यूटी से लौटआए जाने पर प्रतिनियुक्ति स्वतः रद हो जाएगी. इसके बाद पुलिस कर्मी की वापसी पैतृक जिला बल में कर दी जाएगी. लेकिन अब इस नियम को बदल कर साल 2017 के नियम को लागू कर दिया गया है, जिसके तहत ट्रांसफर के बावजूद अब सांसद और विधायकों के अंगरक्षकों को नहीं हटाया जाएगा.

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