पटना: बिहार में कोरोना का संक्रमणलगातार बढ़ रहा है. आम से लेकर खास तक इसकी चपेट में आ रहे हैं. वहीं कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है. राज्य में कई पुलिस के अधिकारी और कांस्टेबल कोरोना से संक्रमित हो गए हैं. वहीं कई पुलिसकर्मियों की मौत भी हो चुकी है. प्रदेश में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण से अब पुलिसकर्मी भी बचने के उपाय करते नजर आ रहे हैं.
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बेड रिजर्व रखने की अपील
इसी कड़ी में राजधानी पटना के कई थानों के बाहर बांस-बल्ले लगाकर यहां आने वाले फरियादियों के आवेदन को बाहर ड्रॉप बॉक्स में रखा जा रहा है. बिहार पुलिस एसोसिएशन ने इस विपदा की घड़ी में पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों के लिए अस्पतालों में कुछ बेड रिजर्व रखने का निवेदन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से और स्वास्थ्य विभाग से किया है.
कई पुलिसकर्मियों की मौत
बता दें शनिवार को मोतिहारी के दारोगा त्रिलोकि नाथ राय और विशेष शाखा के इंस्पेक्टर जयदेव भगत की अचानक मृत्यु हो गई थी. वहीं आज सुबह 9:39 बजे ऑक्सीजन की कमी से बीमार किउल जीआरपी इंस्पेक्टर राज किशोर प्रसाद की मृत्यु हो गई. इसके साथ ही अभी इंस्पेक्टर ब्रजेश कुमार अपने घर एजी कॉलोनी में कोरोना से पीड़ित होकर जीवन से संघर्ष कर रहे हैं. बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष ने आग्रह किया है कि तत्काल कोई हॉस्पिटल में बेड की व्यवस्था किया जाए. ऑक्सीजन लेवल इनका अभी 84 है.
मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय तिवारी पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ स्वास्थ्य विभाग से महकमे के पुलिसकर्मियों के लिए इस संकट की घड़ी में अस्पतालों में पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों के लिए बेड रिजर्व रखने की गुहार लगाते नजर आ रहे हैं.
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"वर्तमान समय में कोविड-19 से कोरोना योद्धा पुलिसकर्मी और उनका परिवार काफी प्रभावित होकर इलाज के लिए भटक रहा है. अतः मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग से आग्रह है कि पुलिसकर्मियों और उनके परिवार के इलाज के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर से हॉस्पिटल में कुछ बेड की सुविधा हो जाए तो, काफी कृपा होगी. बिहार के पुलिस प्रमुख हैं और सभी पुलिसकर्मियों के अभिभावक हैं. आपका कर्तव्य है कि इस संकट में अपने पुलिस परिवार के सदस्यों के दुःख को कम करें. श्रीमान से आग्रह है कि अपने स्तर से पहल की जाए. साथ ही मुख्यालय के किसी अधिकारी को बीमार पुलिसकर्मी के इलाज की व्यवस्था (लाइजनिंग) के लिए तत्काल मोबाइल नम्बर के साथ प्रतिनियुक्त किया जाए. जिससे आसनी से हम लोग जुड़ कर बीमार पुलिसकर्मियों के इलाज के लिए प्रयास करते रहें"- मृत्युंजय सिंह, अध्यक्ष, बिहार पुलिस एसोसिएशन