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बिहार के पूर्व राज्यपाल बूटा सिंह का 86 साल की उम्र में निधन

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Published : Jan 2, 2021, 11:06 AM IST

Updated : Jan 2, 2021, 11:54 AM IST

बिहार के पूर्व राज्यपाल रहे बूटा सिंह का निधन हो गया है. पूर्व गृह मंत्री और जालोर-सिरोही के पूर्व लोकसभा सांसद बूटा सिंह ने शुक्रवार को दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली.

बिहार के पूर्व राज्यपाल रहे बूटा सिंह
बिहार के पूर्व राज्यपाल रहे बूटा सिंह

पटना:कांग्रेस के सीनियर नेता और बिहार के पूर्व राज्यपाल रहे बूटा सिंह का निधन हो गया है. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. बूटा सिंह जालोर-सिरोही संसदीय क्षेत्र से सांसद रह चुके थे. बिहार में जैसे ही उनके निधन की खबर फैली, उनके समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई.

86 वर्ष की उम्र में निधन
86 वर्षीय बिहार के पूर्व राज्यपाल बूटा सिंह का अंतिम संस्कार आज ही किया जाएगा. बूटा सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. बूटा सिंह आठ बार सांसद रह चुके थे. राजनीतिक जीवन में उनका सफर बहुत लंबा रहा. वर्ष 1934 में जालंधर जिले में जन्में बूटा सिंह राष्ट्रीय राजनीति के एक बड़ा चेहरा थे.

2004 से 2006 तक बिहार के राज्यपाल रहे
बिहार की राजनीति में भी राज्यपाल के तौर पर उनके फैसले विवादों के घेरे में रहे थे. 5 नवंबर 2004 से 29 जनवरी 2006 तक बूटा सिंह बिहार के राज्यपाल थे. उन्होंने 22 मई 2005 की मध्यरात्रि को बिहार विधानसभा भंग कर दी थी. उस साल फरवरी में हुए चुनावों में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार बनाने के लिए जोड़-तोड़ में थी. उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी. बूटा सिंह ने तब राज्य में लोकतंत्र की रक्षा करने और विधायकों की खरीद-फरोख्त रोकने की बात कहकर विधानसभा भंग करने का फैसला किया था. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई जिस पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने बूटा सिंह के फैसले को असंवैधानिक बताया था.

देखें रिपोर्ट.

राष्ट्रीय राजनीति और राष्ट्र निर्माण में निभाई भूमिका
बूटा सिंह गांधी परिवार के विश्वासपात्र के तौर पर भी जाने जाते थे. लेकिन एक वक्त ऐसा आया जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी. सरदार बूटा सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री, कृषि मंत्री, रेल मंत्री, खेल मंत्री और बिहार के राज्यपाल और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति कमीशन के चेयरमैन के तौर पर राष्ट्रीय राजनीति और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाई थी.

दलित नेता के रूप में बनाई पहचान
बूटा सिंह कांग्रेस से तब जुड़े थे जब जवाहर लाल नेहरू पीएम बने थे. बाद में उन्होंने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव और डॉ मनमोहन सिंह की कैबिनेट में अहम पद पर रहे. राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय रहने के अलावा उन्होंने अपनी पहचान दलित नेता के रूप में बनाई. वह 1978 से 80 तक कांग्रेस के महासचिव रहे. इसके बाद भारत के गृह मंत्री और बाद में जब केंद्र में डॉ मनमोहन सिंह की सरकार आई तो वह बिहार के राज्यपाल (2004-2006) बने.

पूर्व राज्यपाल बूटा सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर दु:ख व्यक्त किया है.

Last Updated :Jan 2, 2021, 11:54 AM IST

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