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बख्तियारपुर मोकामा पथ का शीघ्र होगा कायाकल्प, 31.5 करोड़ स्वीकृत- नंदकिशोर यादव

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Published : Jul 7, 2020, 2:42 AM IST

नंदकिशोर यादव ने कहा कि बख्तियारपुर मोकामा 4 लेन पथ के लिए भू-अर्जन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. पथ के 44.6 किलोमीटर में से 20 किलोमीटर में मिट्टी का कार्य पूर्ण हो चुका है. इस पथ परियोजना को जून 2021 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है.

Bakhtiyarpur Mokama Path
Bakhtiyarpur Mokama Path

पटना:पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि बख्तियारपुर मोकामा पथ को इस माह के अंत तक आवागमन के लिए उपयुक्त कर लिया जाएगा. साथ ही अगले साल जून तक इसका निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा. 3 दिनों के भीतर पथ के सुदृढ़ीकरण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

पथ निर्माण मंत्री ने विज्ञप्ति से जानकारी दी है कि बख्तियारपुर मोकामा के पुराना सड़क के रखरखाव की जिम्मेवारी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पथ निर्माण विभाग को दे दी है. इसके लिए 31.5 करोड़ रुपए की राशि भी उपलब्ध कराई गई है. पथ निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृति प्राप्त होते ही इसकी निविदा जारी कर दी गई और निविदा प्राप्त कर ली गई है इसमें संपूर्ण पथ को वर्तमान चौड़ाई में उत्कृष्ट कालीकरण कर विकसित किया जाएगा.

पथ के लिए भू-अर्जन का कार्य पूरा
नंदकिशोर यादव ने जानकारी दी कि बख्तियारपुर मोकामा राष्ट्रीय उच्च पथ 31 का हिस्सा है. इस पथ के स्थान पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा बख्तियारपुर मोकामा के बीच नया ग्रीन फील्ड 4 लेन पथ का निर्माण किया जा रहा है, जो पटना से बख्तियारपुर होते हुए मोकामा के माध्यम से बेगूसराय होते हुए खगड़िया तक 4 लेन संपर्कता उपलब्ध कराएगा. बख्तियारपुर मोकामा 4 लेन पथ के लिए भू अर्जन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. पथ के 44.6 किलोमीटर में से 20 किलोमीटर में मिट्टी का कार्य पूर्ण हो चुका है. इस पथ परियोजना को जून 2021 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है.

मरम्मत का कार्य शीघ्र करने का निर्देश
नंदकिशोर यादव ने भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय उच्च पथों के विकास के क्रम में कई हिस्सों को बाईपास किया जाता है. ऐसे अवशेष हिस्से अंततः राज्य सरकार को स्थानांतरित कर दिए जाते हैं, जिनके वन टाइम मेंटेनेंस हेतु वित्तीय सहायता भारत सरकार द्वारा दी जाती है. ऐसे कई पथ को राज्य सरकार द्वारा अभी हाल में वापस लेकर कार्य किया गया है, जिसमें सिवान और सहरसा शहर का बचा हुआ भाग शामिल है. नंदकिशोर यादव ने समीक्षा करते हुए सभी शहरों के बचा हुआ भाग के रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया है.

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